मंत्रालयिक कर्मचारियों में सरकार के प्रति आक्रोश

*10 जुलाई को जयपुर में होने वाली बैठक में होगा आन्दोलन का निर्णय*
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केकड़ी 25 जुलाई (पवन राठी) राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी संघर्ष समिति की प्रदेश स्तरीय बैठक 10 जुलाई शनिवार को राजकीय केन्द्रिय मुद्रणालय जयुपर के कार्यालय में आहूत की गई है। गत 13 मार्च को केकड़ी में संपन्न हुई विचारगोष्ठी में संघर्ष समिति का गठन किया जाकर प्रदेश स्तरीय सदस्यों का मनोनयन किया। संघर्ष समिति द्वारा 18 मार्च को जयपुर में बैठक कर स्टैट पेरेटी के आधार पर कनिष्ठ सहायक की ग्रेड पे 3600 करने, वित्त विभाग के आदेश दिनांक 30.10.2017 को प्रत्याहरित करने, मंत्रालयिक कर्मचारी संघर्ष समिति के साथ 16.08.2013 को हुए समझोते को लागू कर पदौन्नति के 26000 पदौ का नवीन सृजन करने, शासन सचिवालय एवं अधीनस्थ कार्यालयों के मत्रालयिक संवर्ग में व्याप्त वेतन असमानता को दूर करने, अन्य विभागों की भांति पंचायत राज के कर्मचारियों के पदौन्नति के पदों का सृजन करने, चयनीत वेतनमान 9-18-27 के स्थान पर 8-16-24-32 करने, मंत्रालयिक निदेशालय का गठन करने सहीत सात सूत्रीय मांगपत्र मुख्य सचिव को सौंपा व 30 अप्रेल तक मांगों का समाधान नहीं होने पर 5 मई से आन्दोलन करने का नोटिस दिया परन्तु राज्य में कोरोना महामारी के चलते आन्दोलन को स्थगित रखा गया। सरकार ने मंत्रालयिक कर्मचारियों की मांगों के संबंध में राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी संघर्ष समिति से ना तो कोई वार्ता की और ना ही सकारात्मक पहल की गई। 10 जुलाई को होने वाली प्रदेश स्तरीय बैठक में आन्दोलन का निर्णय लिया जायेगा व अन्य मांगे संघर्ष समिति के आपसी विचार विमर्श से तय की जायेगी। राजस्थान राज्य मंत्रालयिकं कर्मचारी संघर्ष समिति के प्रदेश प्रवक्ता शम्भूसिंह राठौड ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि 23 जून को वित्त विभाग ने आदेश जारी कर गैर तकनीकी पदों की भर्ती के लिए समान पात्रता परीक्षा (केट) का सेड्यूल जारी किया जिसमें मंत्रालयिक कर्मचारियों के समान वेतनमान वाले अन्य संवर्ग की भर्ती को सेड्यूल प्रथम ग्रेजुएट ग्रुप में व मंत्रालयिक कर्मचारियों की भर्ती को सेड्यूल द्वितीय सीनीयर सैकण्डरी ग्रुप में रखा जिससे मंत्रालयिक कर्मचारियों में सरकार के प्रति भारी आक्रोश पैदा हो गया है। मंत्रालयिक कर्मचारियों को सरकार हर बार नीचा दिखाने का कार्य करती आई है सातवें वेतन आयोग में ग्रेड पे 2400 के तीन व ग्रेड पे 2800 के दो स्लेब बनाकर मंत्रालयिक कर्मचारियों को 9-18-27 वर्ष सेवा पूर्ण करने पर मिलने वाली एसीपी में वेतन कम कर दिया व मंत्रालयिक कर्मचारियों को पदौन्नति के पद कम होने से पदौन्नति नहीं मिलने से अधिकतम 2800 ग्रेड पे पर ही सेवा निवृत हो जाते है जबकि मंत्रालयिक कर्मचारियों के समान वेतन में भर्ती होने वाले अन्य संवर्ग का कर्मचारी मंत्रालयिक कर्मचारी से तीन गुणा ग्रेड पे वेतन लेकर सेवा निवृत होता है। गत सरकार ने 30.10.17 को आदेश जारी कर भूतलक्षी प्रभाव से 2013 से वेतन कम कर अधिक भुगतान की वसूली का आदेश जारी कर दिया जिससे प्रत्येक मंत्रालयिक कर्मचारी का 5000 से 8000 रूपये प्रति माह वेतन कम हो गया व सेवा निवृत होने वाले मंत्रालयिक कर्मचारी को मिलने वाले सारे वेतनलाभ व स्वयं के वेतन से जमा की गई जमापूंजी भी पेशन विभाग द्वारा अधिक भुगतान का आक्षेप लगाकर वसूली कर पेंशन का पी.पी.ओ. जारी किया जा रहा है जिससे मंत्रालयिक कर्मचारियों का राज्य में अब मानसिक संतुलन भी बिगड़ने लग गया है।

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