छात्रा के ट्वीट पर रिपोर्ट दर्ज करने की धमकी

सोशल नेटवर्किंग साइट पर युवाओं के बिंदास बोल शायद पुलिसवालों को पसंद नहीं हैं। मुंबई के बाद अब दिल्ली पुलिस ने भी ट्विटर पर संदेश भेजने वाली एक छात्रा को धमकाया है। पुलिस उस पर मामला दर्ज करने की तैयारी भी कर रही है। इसके चलते युवती की मां ने मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप की मांग की है।

पीड़ित छात्रा शांभवी ने बताया कि रविवार से ही प्रदर्शन के दौरान उसने कई बार ट्वीट किया। वहां की स्थिति के बारे में अपने दोस्तों को बताती रही। ट्वीट में मैंने वह सब लिखा जो पुलिस प्रदर्शनकारियों के साथ कर रही थी। 25 दिसंबर को प्रदर्शनकारियों को बचाव में जब हम पार्लियामेंट स्ट्रीट पुलिस थाने गए तो हमें ही गिरफ्तार करने को कहा गया। विरोध करने पर मेरे और दोस्तों के साथ गलत व्यवहार किया गया। पुलिसकर्मियों ने मोबाइल ले लिया और 6 घंटे तक बिना किसी कारण थाने में बिठाए रखा। चोट से अब भी सिर और शरीर में दर्द है।

शांभवी की मां उषा सक्सेना बताती है, उसने मेरी बेटी को बालों से घसीट कर दीवार पर धकेल दिया। मैं पुलिसवाले से उसे बचाने के लिए आगे बढ़ी तो एसएचओ दिनेश कुमार ने महिला कांस्टेबल को मुझे पकड़ने के लिए भेजा। 25 दिसंबर को जब दूसरी महिला प्रदर्शनकारियों को पार्लियामेंट स्ट्रीट थाने से निकालने के उद्देश्य से पहुंची तो पुलिस ने बिना वजह गिरफ्तार कर लिया। बार-बार पूछने पर भी नहीं बताया कि आखिर हमारा कसूर क्या है। छह घंटे थाने में बिठाकर रखा। सूरज ढलने के बाद हमें 6:45 में छोड़ा गया। अचानक रात 10.24 बजे फोन पर यह कहा गया कि शांभवी के माफी न मांगने पर उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के साथ ही उसे गिरफ्तार भी कर लिया जाएगा। एसीपी ने शिकायत नहीं सुनी और कहा सब झूठ है।

इस पूरे घटना की जानकारी व शिकायत करते हुए हमने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।

जारी है दुआओं का सिलसिला

सामूहिक दुष्कर्म पीड़ित युवती का इलाज सिंगापुर में हो रहा है। लेकिन उम्मीदों के फूल सफदरजंग अस्पताल के बाहर भी खिले हैं। गुरुवार को भी अस्पताल के बाहर इमरजेंसी गेट के पास पीड़ित युवती की सलामती के लिए संदेश लिखते कुछ लोग देखे गए। हालांकि अस्पताल परिसर के अंदर अब सब समान्य हो गया है। कुछ लोग पीड़ित युवती के बारे में बात करते जरूर सुने गए। 16 दिसंबर को पीड़ित युवती को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराए जाने के बाद से 26 दिसंबर तक वहां वीआईपी, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों, मीडियाकर्मियों व प्रदर्शनकारियों का तांता लगा रहा। उसके स्वस्थ होने की कामना लेकर सैकड़ों लोग रोजाना अपना संदेश लिखने अस्पताल पहुंचते थे। गुरुवार को भी गेट-7 के पास संदेश का बैनर व फूल लगा था। वहां लोग संदेश लिख रहे थे।

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