गैंगरेप पीड़िता की हालत नाजुक, पिता बोले सब कुछ भगवान भरोसे

सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में गैंगरेप पीड़िता की हालत अब भी बेहद नाजुक बनी हुई है। अस्पताल के सीईओ डॉक्टर केलविन लोह ने कहा है कि विशेषज्ञ डाक्टरों की एक टीम पीड़िता की हालत पर निगाह रखे हुए है। वहीं पीड़िता के पिता ने कहा है कि लोगों से उसके लिए दुआ करने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि अब सबकुछ भगवान के हाथों में है।

डॉक्टर केलविन लोह ने गुरुवार शाम करीब सात बजे एक मेडिकल बुलेटिन जारी कर कहा कि पीड़िता की हालत बेहद नाजुक है। उन्होंने कहा है कि विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक टीम उसकी हालत पर लगातार निगाह रखे हुए है।

डाक्टर लोह ने पीड़िता को सिंगापुर लाने के दौरान हुए हार्ट अटैक की भी पुष्टि की है। पीडि़ता के वहां पहुंचने के साथ ही अस्पताल की सुरक्षा को भी बढ़ा दिया गया है। आईसीयू में उसको देखने जाने वाले हर शख्स को पूरी तरह से जांच कर भेजा जा रहा है।

इस बीच पीड़िता के पिता ने सभी से अपनी बेटी के लिए दुआ करने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि उनकी बेटी की बेहतरी के लिए हर संभव उपाय किए जा रहे हैं। उन्होंने पीड़िता को इलाज के लिए सिंगापुर भेजने के लिए भारत सरकार का भी धन्यवाद किया है। सिंगापुर में मौजूद भारतीय उच्चायोग ने पीड़िता के परिवार की सुविधा के लिए एक संपर्क अधिकारी भी नियुक्त किया है।

इससे पहले गुरुवार को दिल्ली गैंगरेप पीड़िता को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल ले जा रही विशेष एयर एंबुलेंस में पीडि़ता की हालत अचानक बेहद खराब हो गई। दिल्ली से सिंगापुर के रास्ते में करीब तीस हजार फीट की ऊंचाई पर अचानक पीड़िता का ब्लड प्रेशर खतरनाक स्तर तक गिर गया और उसे दिल का दौरा भी पड़ गया था। अस्पताल में पहुंचकर भी डॉक्टर करीब पांच मिनट तक पीड़िता का ब्लड प्रेशर और पल्स रेट का पता नहीं चला सके।

विमान में पीड़िता की देखरेख के लिए सवार सफदरजंग अस्पताल के डाक्टर पीके वर्मा और मेदांता के डॉक्टर यतिन मेहता ने उसके ब्लड प्रेशर को सामान्य करने के सारे जरूरी उपाय करने पड़े। ब्लड प्रेशर की जांच के लिए डाक्टरों को उसकी धमनियों का सहारा लेना पड़ा।

एम्स ट्रामा सेंटर के डाक्टर एमसी मिश्रा ने कहा कि पीड़िता को सिंगापुर ले जाने से पहले ही उसके माता पिता को इस दौरान होने वाले रिस्क से आगाह करवा दिया गया था कि इस दौरान युवती को दिल का दौरा या ब्लड प्रेशर खतरनाक स्तर तक जा सकता है। उन्होंने कहा कि हाथ से लिया गया ब्लड प्रेशर कई बार असल से कम होता है जो पीड़ित के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इस लिए पीड़िता के बीपी को धमनियों से जांचने का फैसला लिया गया।

अस्पताल पहुंचने के तुरंत बाद ही पीड़िता का सिटीस्केन किया गया और उसको आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया। लेकिन डॉक्टरों के माथे पर उस वक्त शिकन पड़ गई जब पीड़िता की पल्स रेट और ब्लड प्रेशर की कोई जानकारी नहीं मिल सकी। करीब पांच मिनट तक इसके लिए कोशिश जारी रखी गई, इसके बाद कहीं डाक्टरों को इसमें सफलता मिल सकी। डाक्टरों को डर था कि कहीं उसको आए हार्ट अटैक से उसको न्यूरोलॉजी डेमेज की समस्या न हो जाए।

पीड़िता के साथ गए दल ने सिंगापुर में माउंट एलिजाबेथ अस्पताल के डाक्टरों को पीड़िता के बीपी कंट्रोल में आने लेकिन उसकी हालत नाजुक होने की खबर भी दी।

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