न्यू दिल्ली/ गाजियाबाद । 14वीं सदी में हुई कश्मीर की आदि कवियत्री ललेश्वरी पर केंद्रित संगीतमय नाटक “एक आवाज़ मोहब्बत की -ललेश्वरी” का मंचन रूबरू द्वारा हिंदी भवन सभागार गाजियाबाद में रविवार सांध्यक़ालीन किया गया । लल्लेश्वरी या लल्ल-द्यद के नाम से जाने जाने वाली चवध्वी सदी की एक भक्त कवियित्री थी, जो कश्मीर की शैव भक्ति परम्परा और कश्मीरी भाषा की एक अनमोल कड़ी थीं।
जिस तरह हिंदी में कबीर के दोहे, मीरा के पद, तुलसी की चौपाई और रसखान के सवैये प्रसिद्ध हैं, उसी तरह ललद्यद के वाख प्रसिद्ध हैं। अपने वाखों के ज़रिए उन्होंने भक्ति के ऐसे रास्ते पर चलने पर ज़ोर दिया जिसका जुड़ाव जीवन से हो। उन्होंने प्रेम और इंसानियत को सबसे बड़ा मूल्य बताया। उनके अनुसार शिव यानी ईश्वर हर जगह बसा हुआ है, चाहे वो जल हो, आकाश हो, फिर धरती हो या प्राणी, यहाँ तक कि हमारे अंदर भी ईश्वर बसा हुआ है। वह किसी व्यक्ति को ऊँच-नीच, भेद-भाव की दृष्टि से नहीं देखता, बल्कि वह सबको को एक ही नजर से देखता है। इस नाटक का चयन साहित्य कला परिषद द्वारा वर्ष 2022 के 5 सर्वश्रेष्ठ नाटकों में हुआ और भारतेंदु नाट्य उत्सव 2023 में इसको साहित्य कला परिषद द्वारा मंचित करवाया गया । पूर्व में रूबरू थिएटर ग्रुप का यह नाटक संगीत नाटक अकादमी दिल्ली द्वारा भी आयोजित करवाया गया था।
रुबरू थिएटर ग्रुप द्वारा यह संगीतमय नृत्य नाटक लगातार मंचित किया जा रहा है और दर्शकों द्वारा बहुत पसंद किया जा रहा है जो कि लोगों को एक बार फिर से ऑडिटोरियम में जाने को प्रेरित करता है । रुबरू थिएटर की संस्थापक काजल सूरी के लिखे और निर्देशन में पेश किए गए इस नाटक में मेकअप मुहम्मद राशिद ने किया और मंच पर जसकीरन चोपड़ा, राजीव शर्मा, शुभम शर्मा, दीनू शर्मा, स्वाति सिन्हा, चांद मुखर्जी, राहुल मल्होत्रा, आफताब, अदिता आदि सभी कलाकारों ने अपने किरदारों के साथ न्याय किया । नृत्य संरचना मनन सद और नृत्य कलाकार गीता सेठी, शिवम, नीरज तिवारी, रवनीत और प्रियंका ने अपनी अदा से दर्शकों को मोहित किया । संगीत संचालन शशांक ने एवं लाइट्स सुनील चौहान ने बखूबी संभाली । सेट डिजाइनर और स्टेज मैनेजर गौतम जसवाल रुबरू थिएटर ग्रुप के प्रेसिडेंट समीर खान और प्रोडक्शन मैनेजर रोहित कुमार ने इस प्रोडक्शन को बखूबी संभाला ।