*आत्मा की पवित्रता के लिए औषधि है जाप करना: गुरुदेव श्री प्रियदर्शन मुनि*

संघनायक गुरुदेव श्री प्रियदर्शन मुनीर जी महारासा ने फरमाया की शरीर में जब रोग होता है तो डॉक्टर से इलाज कराते हैं। डॉक्टर टैबलेट, कैप्सूल, इंजेक्शन आदि के द्वारा इलाज करता है। और शरीर की बीमारी ठीक हो जाती है। शरीर स्वस्थ हो जाता है। आप जो जाप करते हैं वह भी एक औषधि है, जो आत्मा पर लगे कर्म रूपी रोगों का इलाज करती है। सुरक्षा के लिए मकान के ऊपर छत का निर्माण करते हैं, ताकि बारिश का पानी अंदर नहीं आ जावे ।सर्दी से बचने के लिए कोट आदि साधन का प्रयोग करते हैं, एवं राष्ट्रपति प्रधानमंत्री आदि बड़े लोग आते हैं तब जैमर आदि का प्रयोग करते हैं, सुरक्षा के लिए। यह मोबाइल आदि की कनेक्टिविटी को रोक देते हैं। इसी प्रकार अपनी आत्मा की सुरक्षा के लिए यह जाप आपके चारों और एक सुरक्षा कवच का निर्माण करता है, जो आपको बाहरी आपदाओं विघ्नों और कष्टो से बचाता है। सेना में युद्ध के लिए गया सिपाही रक्षा कवच पहन कर जाता है ,तो उसकी रक्षा हो जाती है।
पहले के जमाने में या आज भी कोई शुभ कार्य के लिए जाते हैं तो उनके तिलक लगाना, गुड़, दही या खाजा आदि खिलाना रक्षा कवच बांधना आदि कार्य किए जाते हैं ।इसके पीछे आखिर क्या कारण है ?कारण है इनका यह कार्य सफल होना चाहिए, इनके साथ शुभ होना ,अच्छा होना चाहिए, उसके पीछे आपकी शुभभावनाएं छिपी रहती है। शुभभावनाओं से पुण्य की बढ़ोतरी होती है ,और पुण्य रूपी सुरक्षा कवच से व्यक्ति की सुरक्षा हो जाती है ।
उसी प्रकार से आज आपने 24 तीर्थंकर भगवान की जो स्तुति की है यह स्तुति आपके लिए मंगलकारी बने, सभी सुखी रहे, निरोग रहे, किसी भी प्राणी के जीवन में दुख नहीं रहे, इसी मंगल कामना के साथ ,जो यह जब आपने किया इसका प्रतिदिन पाठ करें एवं अपने घर में नियमित रूप से जाप व सामूहिक प्रार्थना हो ऐसा प्रयास करें। अगर ऐसा प्रयास और पुरुषार्थ रहा तो यत्र, तत्र, सर्वत्र आनंद ही आनंद होगा।
पदम चंद खटोड़ ने बताया कि आज की धर्म सभा में 24 तीर्थंकर भगवान की स्तुति का सजोडे जाप का कार्यक्रम रखा गया। दोपहर में 2:00 बजे प्रति मंगलवार होने वाला वज्र पंजर स्रोत के जाप का कार्यक्रम रखा गया। प्रतिदिन नियमित रूप से प्रवचन ,प्रतिक्रमण एवं संवर के कार्यक्रम गतिमान है ।सभी कार्यक्रमों में श्रावक श्राविकाएं उत्साह पूर्वक भाग ले रहे हैं।
श्रीमती शिल्पा जी खटोड़ ने नौ उपवास एवं श्रीमान संपत राज जी पोखरणा ने चार उपवास के प्रत्याख्यान किया ।
धर्म सभा में मद्रास सिरकाली,पुष्कर आदि जगहों से श्रद्धालु गण दर्शन वंदन हेतु पधारे। आर्यन बोहरा एवं अनिल जी डोसी ने गुरु गुणगान किया।
धर्म सभा का संचालन बलवीर पीपाड़ा एवं हंसराज नाबेड़ा ने किया।
पदमचंद जैन
*मनीष पाटनी,अजमेर*

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