भागीरथ चौधरी अजमेर से लोकसभा का चुनाव जीते, तकदीर हो तो ऐसी

सवा तीन लाख वोटों की बढ़त में किशनगढ़ की 50 हजार की बढ़त भी शामिल।
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एस.पी.मित्तल
4 जून को घोषित नतीजों में अजमेर संसदीय क्षेत्र से भाजपा के प्रत्याशी भागीरथ चौधरी ने 3 लाख से भी ज्यादा मतों से जीत दर्ज की है। चौधरी ने 2019 का चुनाव 4 लाख मतों से जीता था। इस बार चौधरी ने कांग्रेस के उम्मीदवार और अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी को हराया है। भागीरथ चौधरी ने इतने बड़े अंतर से जीत तब दर्ज की है, जब चौधरी हाल ही में किशनगढ़ से विधानसभा चुनाव हार गए थे। 2018 के विधानसभा चुनाव में चौधरी का टिकट काट दिया गया था। यानी 2019 में भागीरथ चौधरी सांसद तब बने जब उन्हें विधायक का टिकट नहीं मिला और इस बार सांसद तब बने जब विधानसभा का चुनाव हार गए। इसे भागीरथ चौधरी की तकदीर ही कहा जाएगा कि दोनों बार असफलता के बाद सफलता हासिल की है। चौधरी ने 8 विधानसभा क्षेत्रों में बहुत हासिल किया है। चुनाव आयोग के आंकड़े बताते है कि चौधरी को किशनगढ़ से भी 50 हजार से भी ज्यादा वोटों की बढ़त मिली है। जबकि किशनगढ़ में कांग्रेस के विधायक है। कहा जा सकता है चौधरी ने विधानसभा चुनाव की हार का बदला लोकसभा चुनाव में ले लिया। यह सही है कि 8 में से 7 विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा के विधायक है। विधायक डॉ.प्रेमचंद बैरवा तो प्रदेश के उपमुख्यमंत्री जबकि पुष्कर के विधायक सुरेश रावत कैबिनेट मंत्री है, अजमेर उत्तर के भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी विधानसभा अध्यक्ष हंै। भाजपा के सभी विधायकों ने भागीरथ चौधरी को जिताने में सहयोग किया। भागीरथ चौधरी को सर्वाधिक बढ़त किशनगढ़ विधानसभा क्षेत्र से ही मिली है। यहां 51045 मतों की बढ़त प्राप्त की है। इसी प्रकार दूदू से 26 हजार 916, अजमेर उत्तर से 43 हजार 123, अजमेर दक्षिण 35 हजार 643, नसीराबाद से 41 हजार 397, मसूदा से 38 हजार 374, केकड़ी से 50 हजार 918 और पुष्कर से 43 हजार 536 मतों की बढ़त मिली है। भागीरथ चौधरी को 7 लाख 35 हजार 687 वोट मिले, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी रामचंद्र चौधरी को 4 लाख 12 हजार 735 वोट मिले। चुनाव जीतने के बाद भागीरथ चौधरी ने मतदाताओं का आभार प्रकट किया है। चौधरी ने कहा है ये जीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीत है। उन्होंने कहा कि मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने से कोई नहीं रोक सकता है।

कांग्रेस के दावे फुस्स:
अजमेर से चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस ने बड़े बड़े दावे किए थे। चुनावी सभा में भी पूर्व सीएम अशोक गहलोत, पूर्व मंत्री रघु शर्मा ने की थी। पूर्व में दावा किया था इस बार अजमेर से कांग्रेस की जीत होगी। गहलोत और रघु शर्मा से चाहे कितने भी दावे किए हो, लेकिन पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट अजमेर में प्रचार के लिए एक बार भी नहीं आए। जबकि पायलट अजमेर से सांसद रह चुके है। जानकार सूत्रों के अनुसार कांग्रेस प्रत्याशी रामचंद्र चौधरी से अदावत के चलते पायलट अजमेर नहीं आए।

मोदी का प्रभाव:
राजस्थान के कई संसदीय क्षेत्र में भले ही भाजपा उम्मीदवारों की स्थिति कमजोर रही हो, लेकिन अजमेर संसदीय क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रभाव देखा गया है। 6 माह पहले हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा विधायकों की जीत का अंतर बहुत कम था। चुनाव आयोग के आंकड़े बताते है कि केकड़ी से शत्रुघ्न गौतम 7 हजार 542 मतों से चुनाव जीते। इसी प्रकार अजमेर उत्तर से वासुदेव देवनानी 4 हजार 682, अजमेर दक्षिण से अनिता 4 हजार 446, पुष्कर से सुरेश रावत 13 हजार 869, नसीराबाद से रामस्वरूप लांबा 1135,मसूदा से वीरेन्द्र सिंह कानावत 26 हजार 716 मतों से जीते थे। दूदू से प्रेमचंद बैरवा 36 हजार मतों से विजयी हुए थे। किशनगढ़ से कांग्रेस उम्मीदवार विकास चौधरी मात्र 3 हजार 620 मतों से जीते, जबकि इस बार लोकसभा चुनाव में कांग्रेस किशनगढ़ से 51 हजार मतों से पीछे रही।

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