व्यंग्य -विनोद

पहले पढ़िए फिर विश्वास करें, हई…..

क्या ऐसा दिन भी कभी आएगा कि बीग बी और तथाकथित सुपर स्टार महान गुटकेबाज और बोलो जुबां केसरीबाज इत्यादि महान कलाकार एवं महानुभाव (?) टीवी पर या सिनेभा के पर्दे पर आकर ये कहेंगे कि–” ‘गोदान’ उपन्यास पढ़िए। ये हमारे हिंदी के महान लेखक प्रेमचंद की अमर रचना है। या शरतचंद्र, रवीन्द्रनाथ टैगोर, अज्ञेय जी, कृष्ण चंद्र जी की कहानियां पढें, या फिर व्यंग्य के श्रेष्ठ लेखक परसाई जी, शरद जोशी जी या फिर रवीन्द्रनाथ त्यागी जी या ज्ञान चतुर्वेदी जी की व्यंग्य रचनाएं पढ़ें, सचमुच बहुत आनंद आएगा,खुशी मिलेगी…। दुनिया को बेहतर ढंग से समझने में आपको मदद मिलेगी । इसलिए पहले पढ़िए फिर विश्वास करें हैंई… हमेशा पढ़िए और पढ़ाईए।”😁😁
– श्याम कुमार राई
‘सलुवावाला’

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