पिछले सप्ताह हुए ऑपरेशन के दो दिन बाद ही एक नेता के दबाव में सीकर की दामिनी का छठा ऑपरेशन कर दिया गया। जयपुर के जेके लोन अस्पताल में भर्ती इस 11 साल की पीड़िता की बड़ी बहन ने बुधवार को अस्पताल प्रशासन पर यह आरोप लगाए हैं। अब सवाल उठ रहे हैं कि इन आरोपों के बाद 4 महीने से अस्पताल के बिस्तर पर पीड़ा भोग रही दामिनी और उसके इलाज के प्रति प्रशासन कब गंभीर होगा? क्या अस्पताल प्रशासन पर बिहार सरकार के दखल से दबाव बना? और क्या मुख्यमंत्री अब खुद इस मामले में दखल देंगे ?
राजनेता के प्रभाव से जल्द ऑपरेशन
पीड़िता कि बड़ी बहन ने बुधवार को कहा कि शनिवार को पांचवां ऑपरेशन हुआ तब हमने कहा था कि अभी ऑपरेशन मत करो, दामिनी अभी बहुत कमजोर है उससे ढंग से हिला-डुला नहीं जा रहा है। लेकिन डॉक्टर नहीं माने और ऑपरेशन कर दिया..जिसका डर था वहीं हुआ..मंगलवार को फिर से ऑपरेशन करना पड़ा। डॉक्टरों ने हमसे कहा कि कोई मंत्री बोला है कि इसका जल्दी से जल्दी ऑपरेशन करो नहीं तो इसकी छुट्टी करो।
दूसरे अस्पताल में इलाज की मांग
एक के बाद एक कई ऑपरेशन के बाद भी स्वास्थ्य में सुधार नहीं होने से दामिनी के परिवार का जेके लोन अस्पताल पर से विश्वास उठता जा रहा है। बुधवार को पीडिता के परिवार ने डॉक्टरों पर अविश्वास जाहिर करते हुए बेहतर इलाज के लिए अन्य अस्पताल में इलाज की मांग भी की है। पीडिता बहन ने कहा है, अगर मेरी बहन का इलाज यहां होता है तो ठीक, नहीं तो डॉक्टर्स कहे और मेरी बहन को बड़े अस्पताल में भेजा जाए।
मुख्यमंत्री ने दिया था आश्वासन
गौरतलब है कि मुख्यंमत्री अशोक गहलोत ने कहा दामिनी के बेहतर इलाज के लिए कुछ दिन पूर्व ही आश्वासन दिया था कि जरूरत पड़ी तो विदेश भी भेजा जाएगा। लेकिन बेहतर इलाज के लिए अन्यत्र भेजने का अंतिम फैसला डॉक्टर्स की राय पर ही निर्भर करता है।