अजमेर, 14 नवम्बर। राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे ने शुक्रवार को अजमेर जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ की 34वें वार्षिक आमसभा एवं खुले अधिवेशन में कहा कि सहकारिता लाभ कमाने के लिए नहीं है। इसका उद्देश्य काश्तकारों और पशुपालकों का जीवन स्तर उन्नत करना है।
अजमेर जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ की 34वीं वार्षिक आमसभा एवं खुले अधिवेशन का आयोजन पुष्कर स्थित जाट विश्राम स्थली में किया गया। इस अधिवेशन को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे ने सहकारिता क्षेत्र के मूल उद्देश्यों पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि सहकारिता आन्दोलन सरदार वल्लभ भाई पटेल की देन है। इसके साथ-साथ इस आन्दोलन को मूर्त रूप देने में डॉ. वर्गीस कुरियन का महत्वपूर्ण योगदान दिया है। सहकारिता का उद्देश्य लाभ कमाना नहीं होना चाहिए। भले ही संघ को कम मुनाफा हो लेकिन सदस्य पशुपालकों को अधिक लाभ के साथ पूरा भुगतान होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि दुग्ध उत्पादक से सम्बन्धित कार्य में महिलाएं बहुतायत से जुड़ी होती है। भारतीय महिलाओं में वित्त प्रबन्धन की नैसर्गिक योग्यता होती है। इसे देखते हुए अजमेर डेयरी को चाहिए कि दुग्ध का अधिकतम भुगतान महिलाओं के खाते में प्राथमिकता से किया जाए। भारत सर्वाधिक दुग्ध उत्पादक देश है। इसके अनुपात में प्रति व्यक्ति दुग्ध खपत कम है। इसे बढ़ाए जाने की आवश्यकता है। पशुपालकों को भी अपने बच्चों को पहले दूध पिलाने के उपरान्त ही दूध बेचना चाहिए।
उन्होंने कहा कि गत वर्ष के 54 रूपये के मुकाबले इस वर्ष 64.40 रूपये औसत मूल्य अजमेर डेयरी द्वारा पशुपालकों को दिया जाएगा। इसी प्रकार भविष्य में भी पशुपालकों को ज्यादा से ज्यादा मूल्य मिलते रहना चाहिए। इससे ग्रामीण परिवार और अधिक सुखी होंगे। डेयरी एक ग्रामीण अर्थव्यवस्था है। इसे गांव का कुटीर उद्योग कह सकते है। पशुओं के लिए आवश्यक चारे की कई कारणों से कमी हो सकती है। ऎसे में पशुपालकों को चारा उत्पादन की नवीन तकनीक एवं प्रजातियां उपयोग में लेनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारत की देशी नस्ल की गायें अच्छी गुणवत्ता का दूध देती हैं। इन गायों को अमेरीका और इजरायल में ले जाकर नई प्रजातियां बनाई गई है। उनके परिणाम भी अच्छे रहे हैं। भारतीय गाय का दूध रोग प्रतिरोधक, पौष्टिक एवं अधिक वसा युक्त होता है। संकर गायों के दूध में वह परिणाम नहीं मिलता है। गायों को बाहर खुला छोड़ने से दुग्ध उत्पादन में गिरावट आती हैं। राजस्थान दुग्ध उत्पादन में अभी दूसरे स्थान पर हैं। थोड़ा सा प्रयास करने पर यह राज्यों में प्रथम स्थान पर हो सकता है।
अजमेर डेयरी के अध्यक्ष श्री रामचन्द्र चौधरी ने कहा कि आम सभा में 1400 करोड़ के बजट का अनुमोदन करने के साथ ही कई अन्य प्रस्तावों का अनुमोदन किया गया। आगामी 21 नवम्बर से पशुपालकों से दूध बढ़ी हुई दर से खरीदा जाएगा। अब 64.40 रूपये औसत की दर दी जाएगी। यह सर्वाधिक है। उन्होनें पशुपालकों से संबंधित कई मांगे भी सरकार से की। मिड डे मील योजना, मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना एवं फसल बीमा की बकाया राशि समय पर जारी हो। सेक्स सोर्टेड सीमन भी उपलब्ध कराया जाए। कॉपरेटिव बैंक के अध्यक्ष श्री मदन गोपाल चौधरी ने कहा कि दीपावली पर विभिन्न योजनाओं की बकाया राशि पशुपालकों के खातों में आने से पशुपालकों को खुशी हुई है। अजमेर डेयरी अब ऋणमुक्त है।