केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने इच्छा जताई है कि मृत्यु के बाद उनका अंतिम संस्कार सारंडा में किया जाए और उनका नाम रखा जाए जयराम रमेश मुंडा। झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के घोर नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्र सारंडा के दीघा व मनोहरपुर में शनिवार को तिरंगा फहराने के बाद केंद्रीय मंत्री ने यह इच्छा जताई।
झारखंड गठन के 12 सालों में यह पहला मौका था, जब किसी राजनेता ने यहां लोकतांत्रिक ढंग से तिरंगा लहराया है। इससे पूर्व यहां नक्सलियों के काले झंडे ही लहराया करते थे। रांची में केंद्रीय मंत्री ने बताया कि अब तक वह छह बार सारंडा का दौरा कर चुके हैं, परंतु यह दौरा ही खास रहा। डेढ़ साल में पहली बार यहां लोकतंत्र की झलक देखने को मिली। पहली बार सारंडा के लोगों ने बुनियादी सुविधाओं के लिए लोकतांत्रिक तरीके से प्रदर्शन किया।
जयराम ने कहा कि सारंडा क्षेत्र अब पटरी पर आ रहा है। केंद्र ने विकास का द्वार खोल दिया है। अब उनकी नजर लातेहार के सरयू पर है। उग्रवाद प्रभावित लोहरदगा, गढ़वा, पलामू, सिमडेगा आदि के लिए भी योजनाएं तैयार होंगी।