नई दिल्ली। अगर आप बुधवार और गुरुवार को सार्वजनिक बैंकों की सेवा लेना चाहते हैं तो अपनी योजना में बदलाव कर लें। बेहतर होगा कि मंगलवार को ही अगले दो दिनों का बैंक संबंधी काम पूरा कर लें। सभी सार्वजनिक बैंकों में बुधवार से दो दिन हड़ताल रहेगी।
20 व 21 फरवरी को दिल्ली की रफ्तार भी थम सकती है। ट्रेड यूनियनों के साथ दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी), ऑटो व टैक्सी यूनियनों ने बुधवार व गुरुवार को हड़ताल पर रहने की चेतावनी दी है। ऐसे में अगर आप ऑफिस, कॉलेज या अन्य कार्यों से घर से बाहर निकलने पर विचार कर रहे हैं तो वैकल्पिक साधनों का इंतजाम कर लें।
इससे पहले सोमवार को केंद्र सरकार और ट्रेड यूनियनों के बीच हो रही वार्ता विफल हो गई है। इसके बाद ट्रेड यूनियनों का 20 और 21 फरवरी हड़ताल पर जाना लगभग तय हो गया है। इसी अवधि के दौरान देश भर के 10 लाख बैंक कर्मचारी भी हड़ताल पर रहेंगे।
वहीं, देशव्यापी हड़ताल से निपटने के लिए सरकार ने अपना रुख सख्त कर लिया है। सरकार ने हड़ताल में शामिल होने वाले कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई और भत्तों में कटौती जैसे परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है। इससे पहले रविवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने हड़ताल को वापस लिए जाने की अपील की थी, जिसे ट्रेड यूनियनों ने खारिज कर दिया था।
हड़ताल में कौन-कौन हो रहा है शामिल
20 और 21 फरवरी को होने वाली हड़ताल में श्रमिक संगठनों के साथ सभी राष्ट्रीयकृत बैंक, ग्रामीण व सहकारी बैंक समेत रिजर्व बैंक अधिकारी और कर्मचारी हिस्सा लेंगे। 10 लाख बैंक कर्मचारियों समेत इस हड़ताल में देशभर में 10 करोड़ कामगारों के शामिल होने का अनुमान है। यह हड़ताल मूल्य वृद्धि, श्रम कानूनों के उल्लंघन, बैंकों के विलय, स्थायी तौर पर बैंकिंग सेवाओं और नौकरियों की आउटसोर्सिंग और वेतन समीक्षा की मांग को लेकर की जा रही है।