पाकिस्तान के कुछ संप्रदाय जिनके सदस्यों की वेबसाइटें अक्सर ‘ईशनिंदा’ संबंधी सामग्री के कारण ब्लॉक कर दी जाती थीं, अब वैकल्पिक मंच के रूप में फेसबुक के साथ-साथ ट्विटर का भी इस्तेमाल कर रहे हैं.
नेटिजन यानि इंटरनेट पर सक्रिय नागरिक अब ट्विटर पर सरकार द्वारा लगाए प्रतिबंधों के समर्थन या विरोध में अपने विचार व्यक्त करते हैं और वेबसाइट संबंधी सूचना भी जारी करते हैं.
कुछ दिन पहले ही शियाओं के खिलाफ़ हिंसा पर नज़र रखनेवाली एक प्रतिबंधित वेबसाइट शियाकिलिंग.कॉम को ट्विटर पर चलाए अभियान और सड़कों पर हुए प्रदर्शन के बाद बहाल कर दिया गया था.
उससे कुछ दिन पहले जब अहमदिया संप्रदाय की आधिकारिक वेबसाइट अलइस्लाम.ओआरजी को ब्लॉक कर दिया गया था तो ट्विटर पर अहमदिया शब्द काफी प्रचलित हो गया था.
पाकिस्तान के संविधान में अहमदिया संप्रदाय के लोगों को मुसलमान नहीं माना जाता है.
अतीत
अतीत में भी शिया, अहमदिया, बलोच और सिंधी जैसे सांप्रदायिक समूहों की वेबसाइटें प्राय: प्रतिबंधित की जाती रही हैं.
पाकिस्तान के दूरसंचार प्राधिकरण के प्रमुख का कहना है कि हाल ही में क़रीब 15,756 वेबसाइटों को ब्लॉक कर दिया गया है जिनमें ईशनिंदा और अश्लील सामग्री वाली वेबसाइटें शामिल हैं.
पाकिस्तान में ट्विटर, फेसबुक और यू-ट्यूब को भी कुछ समय के लिए ब्लॉक किया गया था.
इस साल की शुरुआत में पाकिस्तान सरकार को वेबसाइटों पर नज़र रखने के लिए एक तंत्र विकसित करने के प्रस्ताव को लेकर आलोचना का सामना भी करना पड़ा था.