अजमेर। राजस्थान विधानसभा में विधायक अजमेर दक्षिण अनिता भदेल ने प्रक्रिया के नियम, 295 के तहत अजमेर जिले के 22 हजार परिवारों एंव उन पर आश्रित करीब एक लाख लोगों का शोषण रोकने तथा उन्हें राहत प्रदान करने के क्रम में प्रश्न लगाया कि अजमेर स्थित अरबन को ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, केसरगंज, अजमेर के तकरीबन 20 हजार सदस्यों, खाता धारकों में से लगभग 15 हजार परिवारों के ऐसे सदस्यों के खाते हैं जिनमें अधिकतर वृद्ध, सिनियर सिटिजन, रिटायर्ड, विधवाओं और न्यूनतम गरीब लोगों ने अपना धन इस बैंक में एफ.डी. (फिक्स डिपोजिट) के रूप में संचय व जमा करवा रखे हैं। इनमें से अधिकतर लोग एफ.डी. से मिलने वाले ब्याज से होने वाली आय से अपना व अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं, एवं सभी आवश्यक्ताओं की पूर्ती करते हैं। अजमेर के अलावा भी इस बैंक की दो शाखाऐं केकड़ी व बीजयनगर में भी है, जिनमें करीब दो हजार के लगभग खाताधारकों के परिवार के लगभग 10 हजार लोग इस बैंक से जुड़े हैं। यह बैंक 12 दिसम्बर 1923 से संचालित है। इसकी साख को देखते हुए, इसमें खाताधाराकों का व सदस्यों का तकरीबन 11 करोड़ रूपये सेविंग व करन्ट खातों में जमा है, और इन्हीं सदस्यों की करीब 65 करोड़ की राशी फिक्स डिपोजिट में जमा है।
इस बैंक के पूर्व महाप्रबन्धक एवं उनके सहायकों व संचालन, मण्डल के सदस्यों द्वारा की गई अनियमित्ता पाये जाने के कारण भारतीय रिजर्व बैंक की कार्यपालक निर्देशक द्वारा उनके आदेश न्ठक्ण्ब्व्ण्ठैक्.प्ट छव्ण् क्ण् 62ध्12.27.2011ध्2011.12 दिनांक 14.10.2011 के तहत दिनांक 29.10.2011 इस बैंक के सभी खाताधारकों के खाते व एफ.डी. के सभी प्रकार की जमाओं पर पैसे की निकासी व सभी प्रकार के लेन देन पर छः माह की अवधी के लिये रोक लगा दी थी, जो दिनांक 28.04.2012 को समाप्त हुई।
इस आदेश का समय पूर्ण होने पर सभी धारक आशाविंत थे कि अप्रैल 2012 के बाद हमारा रोका बगया पैसा हमें मिल जाएगा व हमारे सभी रूके हुए कार्य पुुूनः शुरू हो सकेंगे, लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक मैनेजर श्री सी.आर. वासन ने एक नया आदेश क्रमाक न्ठक्ण्ब्व्डण्ठैक्. प्ट ध्8406ध्12.7.201ध्2011.12 दिनांक 13.04.2012 के तहत पुनः इस बैंक व इसकी सभी शाखाओं से अगले छः माहकी अवधि के लिए पैसा निकालने की रोक और बढ़ा दी है, इस कारण बैंक सभी खाता धारकों को अपना घर खर्च चलाने, शादि ब्याह, गृह निर्माण, बच्चों की फीस, बिजली के बिल, छोटा मोटा व्यवसाय करने व सभी प्रकार के कार्य करने का कुछ वसुलियों पर माननीय उच्च न्यायालय का स्टे भी है, जिन्हें बैंक के वर्तमान व्यवस्थापक व वकीलों द्वारा हटवाने के लिए ठोस प्रयास नहीं किया गया है बैंक के कर्मचारी का वेतन भी खातादारों के जमा पूंजी से ही किया जा रहा है। इस प्रकार बैंक की देन दारियॉं बढ़ रही है व जामा रकम हर माह कम होती जा रही है ऐसी स्थिति में बैंक बकायदारों को उनका पैसा कैसे लोटा पायेगा।
बैंक द्वारा दोषी ऋणदाराकों के अवधि पार होने पर उनके व उनके गारंटरों की संपति निलामी करने का भी प्रावधान है। लेकिन प्रबन्धक द्वारा इस कार्य को बैंक में बेठ कर ही अनजाम दिया जा रहा है। जिस्से उक्त वसूली भी नहीं हो पा रही है तथा इस महंगाई के दौर में असहाय लोगों के साथ जो कठोर निर्णय रिजर्व बैंक कर रही है उसमे राहत दिखाई जाए व बैंक के पूर्व बोर्ड ऑफ डाइरेक्टर संचालक मंडल के सदस्यों पर कार्यवाही की जानी चाहिए। जिन बकायदारों का पैसा बाकी है उनके दूसरे बैंक के खाते में उनकी चल व अचल संपति को सीज कर कार्यवाही की जानी चाहिए। जबकि सहकारिता विभाग ऐसे बकायदारों पर की जाने वाली कार्यवाही पर स्तगन आदेश दे रहा है। ऐसे में ऋण वसूली पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।
विधायक अनिता भदेल ने सरकार से यह मांग की है कि शीघ्र इस पर कार्यवाही कर खाताधारकों को न्याय दिलाये।
-अनिता भदेल
अजमेर दक्षिण विधायक
9829270288