नई दिल्ली। दक्षिण दिल्ली के वसंत विहार इलाके में पिछले साल गैंगरेप की भेंट चढ़ी बहादुर बेटी के परिवार को मौका ही नहीं मिला कि वे राष्ट्रपति से अपनी दिल की बात कह सके। अपने बेटी के छह आरोपियों में से नाबालिग के लिए सजा-ए-मौत की मांग कर सकें। शुक्रवार विज्ञान भवन में राष्ट्रपति के हाथों से रानी लक्ष्मीबाई शक्ति सम्मान प्राप्त करते समय निर्भया की मां ने बताया कि उन्होंने राष्ट्रपति से बात करने का मौका गंवा दिया। इस बीच बहादुर बेटी को अमेरिकी में भी करेज अवार्ड से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति की पत्नी मिशेल ओबामा और जॉन केरी ने बहादुर बेटी को अवार्ड दिया।
गौरतलब है कि इस पुरस्कार समारोह से पहले पीड़िता के परिवार ने जेल में बंद नाबालिक आरोपी के लिए सजा-ए-मौत मांगी थी। समारोह के दौरान पीड़िता के पिता ने कहा कि उन्हें सरकार की ओर से किसी तरह का कोई अवार्ड नहीं चाहिए, बल्कि अगर दोषियों को सजा मिल जाए तो ये उनके और देश के लिए सबसे बड़ा अवार्ड होगा। उन्होंने कहा कि कानून के हाथ लंबे होते हैं लेकिन ऐसा कानून किस काम का जो दोषियों को सजा देने में इतना वक्त लगाए।
पीड़िता को सम्मान देने के लिए 8 मार्च को ही चुना गया। क्योंकि लड़की ने जिस साहस का परिचय दिया था वो काबिले तारीफ है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर इस सम्मान के जरिये उसके अदम्य साहस को याद किया गया। इस समारोह में पीडि़ता का पूरा परिवार मौजूद था। पुरस्कार के तहत तीन लाख रुपये नकद दिए जाते हैं। अमेरिका का ये करेज अवार्ड उन व्यक्ति को दिया जाता है जो अपने साहस और हिम्मत के बल से बड़ी चुनौतियों का सामना कर सकें।
इस मौके पर मुखर्जी ने कहा, मैं व्यक्तिगत तौर पर खुश हूं कि बहादुर बेटी की आत्मा को रानी लक्ष्मीबाई अवार्ड से सम्मानित किया गया। वह साहसी और बहादुर लड़की थी, जो आखिरी सांस तक अपने जीवन व सम्मान के लिए लड़ी। वह सच्ची नायिका थी। उसकी मौत जाया नहीं जानी चाहिए। हमें भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सब कुछ करना चाहिए। यह सम्मान उन हजारों पुरुषों, महिलाओं, लड़कियों और लड़कों के सहयोग को भी है, जो बहादुर बेटी को न्याय और सभी महिलाओं को हिंसा से मुक्त कराने की मांग केसाथ सड़कों पर उतरे। इस दौरान राष्ट्रपति ने स्त्री शक्ति पुरस्कार पाने वाली अन्य पांच महिलाओं की भी प्रशंसा की।
इस अवसर पर असम की सामाजिक कार्यकर्ता परणीता तालुकदार को रानी रुद्रम्मा देवी पुरस्कार, कलाकार सोनिका अग्रवाल को माता जीजाबाई सम्मान, कर्नाटक की गुरम्मा एच. सांकीना को कन्नगी अवार्ड, केरल की समाजसेवी ओमाना टीके को रानी गिडाल्यू जेलियांग सम्मान और महाराष्ट्र की ओल्गा डिमेलो को देवी अहिल्याबाई होल्कर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति ने देश के बिगड़ते लिंगानुपात पर भी चिंता जताई।
उन्होंने कहा कि देश की कुल आबादी में 48.5 फीसद महिलाएं हैं। वर्ष 2001-11 के बीच लिंगानुपात में सात फीसद का इजाफा हुआ है। छह वर्ष तक के बच्चों में लिंगानुपात का घटना चिंता का विषय है। महिलाओं में शिक्षा भी पुरुषों के मुकाबले 16.7 फीसद कम है। कृषि में महिलाओं की दिहाड़ी पुरुषों की तुलना में 50-75 फीसद ही है।
हालांकि इससे पहले पीड़िता के पिता ने कहा था कि अमेरिका की ओर से उनके पास कोई जानकारी नहीं आई थी कि कब और कहां बेटी को सम्मान दिया जाएगा।