वेटिकन सिटी। आखिरकार बुधवार देर रात वेटिकन सिटी में सिस्टाइन चैपल की चिमनी से सफेद धुआं निकल आया और दुनिया का इंतजार खत्म हुआ। सफेद धुएं का निकलना संकेत था कि कार्डिनलों ने बनेडिक्ट 16वें का उत्तराधिकारी चुन लिया है। नए पोप का चुनाव होते ही वेटिकन सिटी में जश्न का माहौल बन गया। सफेद धुआं निकलने के साथ ही लैटिन में घोषणा की गई, हबेमस पपाम (वी हैव ए पोप)।
वहां हजारों की संख्या में लोग नए पोप के नाम का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। इससे पहले चिमनी से निकलता काला धुआं संकेत दे रहा था कि चार चरण के मतदान के बाद भी नए पोप का चयन नहीं हो पाया है। 115 कार्डिनल पोप बेनेडिक्ट 16वें का उत्तराधिकारी चुनने के लिए मंगलवार को एकांत में चले गए थे। बहरहाल, खबर लिखे जाने तक नए पोप के नाम की घोषणा नहीं हो सकी थी। सबसे युवा भारतीय कार्डिनल भारतीय कार्डिनल क्लीमिस थोट्टुंकाल नए पोप के चयन संबंधी महासभा में सबसे कम उम्र के कार्डिनल हैं। उन्हें मोरान मोर बैसलिओस के नाम से भी जाना जाता जा है। 53 वर्षीय क्लीमिस तिरुअनंतपुरम में आर्कबिशप हैं। वह उन अंतिम कार्डिनलों में से एक हैं जिन्हें पूर्व पोप बेनेडिक्ट ने पिछले साल नवंबर में नियुक्त किया था।
ऐसे होता है चयन
वेटिकन के सिस्टाइन चैपल में इन कार्डिनलों के निर्वाचक मंडल द्वारा नए पोप का निर्वाचन होता है। पदत्याग के बाद यह मंडल 15 दिनों के भीतर मिलता है, लेकिन किसी भी दशा में 20 से ज्यादा दिन नहीं गुजर सकते । नए पोप को दो तिहाई बहुमत जरूरी होता है। वोटिंग प्रक्रिया गुप्त होती है। कोई भी कार्डिनल अपने को वोट नहीं दे सकता। 80 वर्ष की आयु से कम के कार्डिनल को ही वोट देने का अधिकार होता है। जब तक नतीजा नहीं निकलता तब तक रोज सुबह दो और शाम दो मतपत्र डाले जाते हैं। इस प्रकार प्रतिदिन चार मतदान होते हैं। जब नया पोप चुन लिया जाता है तो कागजों को जलाकर सफेद धुआं किया जाता है। यह बाहर इंतजार करती हुए जनता के लिए संदेश होता है कि नया पोप चुन लिया गया है। यदि किसी को भी अपेक्षित दो-तिहाई मत नहीं मिलता है तो काला धुआं किया जाता है। पोप के चुने जाने के नियमों में साल दर साल बदलाव होता रहा है। वर्तमान व्यवस्था के अनुसार पोप के पदत्याग या मृत्यु होने की स्थिति में दुनिया भर के 115 कार्डिनलों में से किसी को नया पोप बनाया जाएगा। इनमें से पांच भारतीय हैं।