जयपुर। सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा से जुडे़ भूमि सौदों को लेकर बुधवार को राजस्थान विधानसभा में जबरदस्त हंगामा हुआ। नारेबाजी कर रहे भाजपा विधायक वेल में आ गए। अध्यक्ष ने अनुदान मांगें पारित कराने के बाद सदन की कार्रवाई स्थगित कर दी।
वाड्रा से जुड़ी ये विवादित जमीनें राजस्थान के बीकानेर, जैसलमेर और जोधपुर जिलों में हैं। विधानसभा में भाजपा विधायकों ने इस पूरे मामले की जांच सीबीआइ से कराने और वाड्रा की आय के स्त्रोतों की जांच आयकर विभाग से कराने की मांग की। भाजपा का आरोप है कि सरकार ने बीकानेर और जैसलमेर में सोलर हब बनाने की जानकारी पहले ही वाड्रा को दे दी, जिससे उन्होंने बड़े पैमाने पर किसानों से कम कीमत में जमीन खरीद ली। 2010 में सरकार ने वाड्रा को लाभ पहुंचाने के मकसद से लैंड सीलिंग एक्ट में बदलाव किया। सोलर प्लांट लगाने के नाम पर 722 कंपनियों को इस व्यवस्था के साथ लाइसेंस दिया कि सरकार उन्हें जमीन उपलब्ध कराएगी, लेकिन बाद में हाथ पीछे खींच लिए, जिस कारण प्लांट कंपनियों को मजबूरी में वाड्रा की कंपनियों से दो लाख रुपये बीघे की बजाय दस से पंद्रह लाख रुपये बीघे के भाव से जमीनें खरीदनी पड़ीं।
वाड्रा की कंपनियां और संपत्ति
रियल अर्थ एस्टेट प्रा. लि.
-कैपिटल 5 करोड़:-मेवात में जमीन 87.71 और 7.70
-पेड अप कैपिटल 10 लाख रुपए:-हसनपुर में जमीन 33.84 लाख रुपए
कर्ज और अग्रिम
-डीएलएफ लि. 5 करोड़:-हसनपुर में जमीन 21.12 लाख रुपये
इन्ट्रा ग्रुप लोन
-स्काई लाइट हास्पिटलिटी 2 करोड:-हसनपुर में जमीन 21.10 लाख रुपए
-ब्लू ब्रीज ट्रेनिंग 89.5 लाख:-बीकानेर में जमीन 10.99 लाख रुपये
-आरटेक्स 15 लाख:-बीकानेर में जमीन 9.14 लाख रुपये
अचल संपत्ति
-बीकानेर में जमीन 97.77 लाख रुपये