नई दिल्ली। प्रधानमंत्री पद की दौड़ में भाजपा के भीतर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से पिछड़ रहे लालकृष्ण आडवाणी ने अपनी कट्टर हिंदुत्ववादी छवि को धार देना शुरू कर दिया है। इसके तहत भाजपा के वरिष्ठ नेता ने शनिवार को मंदिर मुद्दे को फिर से उछाला। पार्टी के स्थापना दिवस समारोह में आडवाणी ने कहा कि अयोध्या आंदोलन को लेकर भाजपाइयों को माफी मांगने की जरूरत नहीं है, उन्हें इस पर गर्व करना चाहिए।
आडवाणी के इस बयान पर कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा है कि जब जब चुनाव नजदीक आते हैं भाजपा राम मंदिर के मुद्दे को भुनाने में लग जाती है। उन्होंने कहा कि सरकार में रहते हुए भाजपा ने इस मुद्दे को ठंडे बस्ते में डाल रखा था, लेकिन अब जैसे ही चुनाव करीब आ रहे हैं वैसे ही भाजपा ने एक बार फिर से इस मुद्दे को चुनावी मुद्दा बनाना शुरू कर दिया है।
पार्टी मुख्यालय में दिए गए अपने भाषण में भाजपा नेता ने मंदिर आंदोलन की विस्तार से चर्चा की। बकौल आडवाणी, ‘लोग जब यह कहते हैं कि भाजपा और जनसंघ ने अयोध्या और राम मंदिर जैसे मुद्दों को उठाकर ही राजनीति में नई ऊंचाई हासिल की है तो मुझे यह स्वीकार करने में गर्व होता है। मैं गर्व के साथ स्वीकार करता हूं कि मेरी पार्टी ने राम मंदिर और अयोध्या के मुद्दे को उठाया। यह राजनीतिक नहीं एक सांस्कृतिक आंदोलन था।’
उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि अयोध्या को लेकर लोग (भाजपा विरोधी) जब आपको घेरने की कोशिश करें तो आप को माफी की मुद्रा में नहीं रहना चाहिए। इसके विपरीत आपको अयोध्या कांड पर गर्व करना चाहिए। अपने भाषण में आडवाणी ने सपा सुप्रीमो मुलायम ंिसह यादव द्वारा अपनी प्रशंसा किए जाने के घटनाक्रम का भी उल्लेख किया। उनका कहना था, ‘हाल में जब लोगों ने मुलायम ंिसह जी को मेरी तारीफ करते हुए सुना तो वे लोग सोच रहे होंगे कि वह बोल क्या रहे हैं। यह क्या कर रहे हैं। मैं मानता हूं कि जब आप सही बात बोलेंगे तो दुनिया उसे मानेगी। सच बोलने से आपको हिचकना नहीं चाहिए।’