नई दिल्ली। इजरायली राजनयिक की कार में बम धमाके की साजिश के आरोपी मोहम्मद अहमद काजमी के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के शामिल होने को भाजपा ने बेहद खतरनाक बताते हुए सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। भाजपा राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य व प्रवासी विभाग के संयोजक विजय जौली ने कहा है कि एक तरफ केंद्र सरकार, राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियां और दिल्ली पुलिस काजमी को बम धमाकों की साजिश का अपराधी मान रही है, वहीं दिल्ली की मुख्यमंत्री ऐसे शख्स के कार्यक्रम में शामिल होती हैं तो इसे क्या माना जाए?
मुख्यमंत्री शीला दीक्षित 17 अप्रैल को दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में उर्दू अखबार कौमी सलामती के री-लांच कार्यक्रम में उपस्थित थीं। मोहम्मद अहमद काजमी इस समाचार पत्र का मुख्य संपादक है। काजमी वही शख्स है जिसे भारतीय गुप्तचर एजेंसियों ने 13 फरवरी 2012 को औरंगजेब रोड पर हुए कार बम विस्फोट के मामले में नामजद किया था। स्टिक बम से किए गए आतंकी बम धमाके में दूतावास की इनोवा एसयूवी कार में आग लग गई थी। इस दुर्घटना में इजरायली सुरक्षा अधिकारी की पत्नी तल एहोशुवा गंभीर रूप से घायल हुई थीं। काजमी इस समय जमानत पर हैं।
भाजपा नेता जौली ने कार्यक्रम में मुख्यमंत्री की मौजूदगी पर सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या दिल्ली सरकार ने इस बम विस्फोट मामले के आरोपी मोहम्मद काजमी को क्लीन चिट दे दी है? कैसे व किन परिस्थितियों में मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने आरोपी के साथ मंच साझा किया? ऐसे संवेदनशील मामले में दिल्ली की मुख्यमंत्री को तुरंत स्पष्टीकरण देना चाहिए।