प्रेमी के लिए विधवा ने छोड़ा ममता का दामन

widow-left-six-month-old-baby-run-away-with-loverबक्सर। मैं विधवा हूं। मां हूं। लाचार हूं। मजबूर हूं। धोखेबाज भी हूं। यह कहानी है एक विधवा मां की, जिसने प्रेमी के लिए अपनी ममता का गला घोंट दिया।

विधवा मां ने अपनी छह माह की बच्ची को बक्सर के चीनी मिल इलाके में एक कालेज के पास गली में छोड़ दिया। मंगलवार दोपहर अकेले रोती इस बच्ची पर जब मोहल्ले के लोगों की नजर पड़ी तो सभी लोग परेशान हो गए। मोहल्ले के ही युवक मनु पांडेय और पीपी रोड के गुरु प्रसाद ने उसे थाने पहुंचाया। जहां इन दोनों के साथ मिले तीसरे युवक बद्री प्रसाद ने इसकी सूचना मीडिया को दी। इन तीनों की पहल पर उस बच्ची को बाल कल्याण समिति के हवाले कर दिया गया।

थाने पहुंची इस बच्ची के हाथ में उसकी मां ने एक पत्र भी थमाया था। जिसका मजमून कुछ इस तरह था। मैं एक लाचार औरत हूं, मेरे पति को मरे छह महीने हो गए और मेरे पास मकान भी नहीं है, मैं अकेली औरत क्या करूं? मेरे साथ एक युवक (प्रेमी) शादी करना चाहता है, मेरी मजबूरी है, लड़की को छोड़ना, भगवान मुझे माफ करे। इतना लिखा पत्र उस बच्ची के हाथ में था।

बच्ची को तो अपने मां का चेहरा भी याद नहीं। गरीबी की बोझ में दबी उसकी मां उसे छोड़ तो गई। पर क्या उससे शादी करने वाला व्यक्ति उसकी मां का ख्याल रखेगा। जिसने एक दुधमुंही बच्ची को अपनी मां से अलग कर दिया? यह सवाल वह सभी लोग कर कर रहे थे, जिन्होंने उसे थाने पहुंचाया। लोगों की पहल पर पुलिस ने बाल कल्याण समिति को सूचना दी, जिसके सदस्यों ने बच्ची को ले लिया।

समिति के संतोष कुमार भारती ने बताया कि इसके बाद उसकी जांच सदर अस्पताल में कराई गई। जहां वह पूरी तरह स्वस्थ बताई गई। उन्होंने बताया कि जो लोग बच्ची को गोद लेना चाहते हों, बाल कल्याण समिति उन्हें बच्ची को प्रदान कर सकती है। कुछ लोगों ने उसे अपनाने की इच्छा भी जताई है।

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