पटना । नीतीश सरकार को उखाड़ फेंकने के आह्वान के साथ गांधी मैदान में बुधवार को आयोजित परिवर्तन रैली में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने राजग पर जमकर प्रहार किए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ‘आरएसएस का तोता’ तक कह डाला। उन्होंने कहा, फिरकापरस्त ताकतें देश को तोड़ने में लगी हैं। ये ताकतें बिहार में भी सक्रिय हो रही हैं। हम इनके मंसूबे को पूरा न होने देंगे। प्रदेश में बेटियों की इज्जत के साथ भी खेला जा रहा है। अल्पसंख्यक समाज के युवकों को आतंकवादी घोषित किया जा रहा है। विकास के नाम पर कुछ भी नहीं हो रहा। किसान बिजली-पानी को तरस रहे हैं।
लालू ने कहा, नीतीश कुमार की अधिकार रैली की सभाओं में जो हुआ, वह शर्मनाक है। काले कपड़े के बहाने बेटियों के दुपंट्टे उतारे गए। वे काले कपड़े से वैसे ही भड़कते हैं जैसे लाल कपड़ा देखकर सांड़ भड़कता है। इस दौरान लालू ने शायरी भी की – हम काले हैं तो क्या हुआ दिलवाले हैं। साथ ही सत्तारूढ़ दल को नसीहत देते हुए कहा कि जो जनता कभी फूलों की माला पहनाती है वही जूते भी मारती है। अब राजग को उखाड़ फेंकने का वक्त आ गया है।
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विधानसभा चुनाव भले ही दूर हों लेकिन लालू ने अभी से प्रदेश में बदलाव की बयार बहानी शुरू कर दी है। मंच से उन्होंने लालू राज आने का एलान कर डाला और कहा, संभल जाएं घूसखोर अधिकारी। नीतीश सरकार के मंत्री श्याम रजक का नाम लिए बगैर कहा कि वह हमारी उपज हैं, लेकिन कहते हैं कि मैं मानसिक संतुलन खो बैठा हूं। अपने दोनों पुत्रों [तेजस्वी- तेजप्रताप] के बारे में कहा कि प्रचार किया जा रहा था कि रैली के बहाने मैं अपने पुत्रों को राजनीति में लांच करने वाला हूं। किसका बेटा क्या करता है, मुझे पता है। मैं अभी मरा नहीं। मुझे उत्तराधिकारी की जरूरत नहीं। हां, युवाओं को उनकी पार्टी खासतौर पर बढ़ावा देगी और आने वाले चुनावों में 50 फीसद टिकट उन्हीं को दिए जाएंगे। राजद प्रमुख ने कहा, बिहार धर्मनिरपेक्ष राज्य है। लेकिन देश को तोड़ने वाली शक्तियां यहां सक्रिय होने का प्रयास कर रही हैं। नरेंद्र मोदी हों या लालकृष्ण आडवाणी, ऐसे लोगों को बिहार में सक्रिय नहीं होने देंगे।
लालू की नजर में बदला बिहार
– हमारे [लालू-राबड़ी] शासन में बच्चे स्लेट लेकर पढ़ने जाते थे। अब प्लेट लेकर जाते हैं।
– बगैर घूस काम नहीं होता। अधिकारी जनता से अब नहीं डरते।
– गरीबों को दारू पिलाकर मारने का प्रयास किया जा रहा है।
– अत्याचार, अनाचार, व्यभिचार व सामूहिक बलात्कार की घटनाएं बढ़ी हैं।