अजमेर। पिछले 45 दिनों से जिन्दगी की जंग लड़ रही विवाहिता गायत्री की शनिवार सुबह मौत हो गयी। गायत्री की भाई हरिश दायमा ने बताया कि सात आठ साल पहले गुलाबपुरा निवासी राजेश बेनिवाल के साथ गायत्री की शादी धूमधाम से की थी। शादी के कुछ दिन बाद ही सुसराल पक्ष के लोग दहेज के लिये गायत्री को प्रताड़ित करने लगे। इसी बीच उसने तीन लड़कियों को जन्म दिया जिनकी उम्र इस वक्त 7,5 और 2 साल हैं। पति और सुसराल वालों ने लड़के की चाहत में 5 मई को गायत्री को जला डाला। झूलसी हुई अवस्था में गुलाबपुरा राजकीय अस्पताल से गायत्री को जेएलएन अस्पताल रैफर किया गया। जहां 45 दिन की जद्दोजहद के बाद गायत्री की मौत हो गयी।
शवों को सुरक्षित रखने के लिए फ्रिजर कि की मांग
जेएलएन अस्पताल की मोरचरी में व्याप्त समस्याओ और अनियमितताओ के खिलाफ शनिवार को उस वक्त लोगो का गुस्सा फूट पड़ा जब मोरचरी के फ्रिज से एक शव को निकालकर उसकी जगह नये शव को रख दिया गया। वॉर्ड नबंर 51 की पार्षदा संतोष मेघवंशी ने मेडिकल ज्यूरिस्ट को खरी खरी सुनाते हुए अस्पताल प्रशासन को तत्काल मोरचरी में शवों को सुरक्षित रखने के लिए फ्रिजर की व्यवस्था कराने की मांग की। संतोष का आरोप था कि मोरचरी कर्मचारी पैसों की लालच में शवों की बेकद्री करने में लगे रहते है। दो दिन पहले फॉयसागर में डूबे युवक के शव को निकाल कर बाहर पटक दिया जबकि दूसरे शवों को फ्रिजर में रख दिया। गर्मी के मौसम मंे शवों की सही देखभाल नही होने से चारो तरफ बदबू ही बदबू का आलम है।