केकड़ी के 25 लोगों का अब भी कोई पता नहीं

23-06-13 - 4-पीयूष राठी- केकड़ी। देश के उत्तराखण्ड में कुदरत ने ऐसा कहर बरपाया कि हजारों की तादात में लोग अब भी उसमें फंसे हुए हैं। उन्ही में केकड़ी शहर के भी 35 शामिल हैं। इन 35 लोगों में से 10 लोगों के तो सुरक्षित स्थान पर पहुंचने के समाचार मिल गये हैं मगर 25 का अब भी कोई पता नहीं लग पाया हैं। परिवार वालों को जल्द लौटने की कह कर केदारनाथ धाम की यात्रा करने गये यात्रियों की कोई खोज-खबर ना मिलने से उनके परिवारजनों का रो-रो कर बुरा हाल हैं। अपनों की सुरक्षा की कामना को लेकर परिवारजन कई धार्मिक कार्य भी कर रहे हैं तथा भगवान से मन्नते मांग रहे हैं कि उनके अपने जहां कहीं भी हो सुरक्षित हों। अपनों के इंतजार में परिवारजन पलक पावड़े बिछाये बैठे हैं।
केकड़ी से 35 यात्रियों का जत्था केदारनाथ धाम की यात्रा पर गया था। इसी जत्थे में रामगोपाल वैष्णव भी थे जब उनके परिवारजनों से हमने बात की तो उन्होने बताया कि 15 जून को उनसे अंतिम बार संपर्क हुआ था मगर उसके बाद से उनका कोई पता नहीं हैं जिससे पूरा परिवार चिंता में हैं। रामगोपाल के घर में उनकी सुरक्षा के लिये भगवान की विशेष पुजा अर्चना भी की जा रही हैं। अपनों से बिछुडऩे का दर्द ही कुछ ऐसा होता हैं कि ना भूख लगती हैं ना प्यास कुछ ऐसा ही हाल रामगोपाल के परिवार के बच्चों का भी हैं। उनके पोते-पोती भी अपने दादा की सुरक्षा के लिये भगवान से फरियाद कर रहे हैं और उनकी नन्ही आंखे बस अपने दादा को देखने को बेताब हो रही हैं।
कुछ ऐसा ही आलम कुलदीप पंचोली के घर का भी हैं। 35 यात्रियों के जत्थे में शहर के कुलदीप पंचोली व उसकी मां भी शामिल हैं। कुलदीप के घर में उनके परिवारजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो रखा हैं। शनिवार को उस समय कुलदीप के परिवारजनों को कुछ सुकुन जरूर मिला जब उन्हे कुलदीप की मां के सुरक्षित होने के समाचार मिले,मगर कुलदीप की कोई खैर खबर ना होने से पूरे परिवार में शोक छाया हुआ हैं। कुलदीप की बहन ने बताया कि कुलदीप जब गौरीकुण्ड पर था तब उससे बात हुई थी मगर उसके बाद ना उसके फोन लगा और ना ही उसने फोन किया। इसके बाद से ही टीवी पर केदारनाथ में हुई तबाही की खबर चलने लगी जिसके बाद परिवारजनों में चिंता बढ़ गई और वे बार-बार कुलदीप को फोन लगात रहे मगर उसका फोन नहीं लगा। कुलदीप के परिवारजन सारा दिन टीवी पर खबरें देख कर सिर्फ यही दुआ कर रहे हैं कि कुलदीप जहां भी हो सुरक्षित हो तथा सकुशल घर लोट आये।
कुदरत के इस कहर में फंसे अपनों की खोजबीन के लिये इन 35 यात्रियों के कई परिजन भी उत्तराखण्ड गये हैं,वे अपने रिश्तेदारों की फोटो,मोबाईल नंबर व अन्य सूचनाओं के सहारे उन्हे ढूंढने की भी कोशीश कर रहे हैं मगर उन्हे अपनों की किसी प्रकार की कोई जानकारी नहीं मिल पा रही हैं जिससे वे परेशान हैं।

error: Content is protected !!