उर्जा के वैकल्पिक स्रोतों का उपयोग की जरूरत

Petrolपेट्रोलियम मन्त्री ने यह सुझाव दिया था कि रात 8 बजे से सुबह 8 बजे तक पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल नहीं मिले. उनका विचार था कि इससे पेट्रोल की खपत कम होगी. उनकी यह सोच सही नहीं थी, बल्कि उनका यह कदम उठाया जाता तो पेट्रोल की काला-बाज़ारी बढ़ती. हालाँकि बाद में उन्होंने इस तरह कदम उठाने की बात से मना किया. फिर भी देश के सामने मुख्य मुद्दा पेट्रोल की खपत कम करने का है. पेट्रोल की खपत कम करने के लिए सरकारों को पेट्रोल मितव्ययता के उपाय अपनाने चाहिए, जैसे सरकारी अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों (सांसद, विधायक आदि) को घर से आफिस और आफिस से घर के लिए पूल वाहनों का उपयोग हो, प्रतिमाह पेट्रोल-व्यय की सीमा में 20% कटौती की जाए, देश में पेट्रोल-डीज़ल कारों के उत्पादन को बढ़ावा ना देकर सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को बढ़ावा दिया जाए. अनेक शहरों में अभी भी मैट्रो-रेल व्यवस्था नहीं है, उन शहरों की पहचान की जाए और मैट्रो-रेल परियोजना की शीघ्र किर्यान्विति की जाए. ऐसे वाहनों के निर्माण को प्रोत्साहन दिया जाए जो उर्जा के वैकल्पिक स्रोतों का उपयोग करते हो, जैसे विधुत-उर्जा, सौर-उर्जा. इस सम्बन्ध में देश-व्यापी वहस और जागरूकता की जरूरत है.

केशव राम सिंघल
केशव राम सिंघल

एक दैनिक समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचार के अनुसार 1950-51 में 74 प्रतिशत यात्री रेल से यात्रा करते थे, उस दौरान 86 प्रतिशत समान की ढुलाई रेल से होती थी, और अब 87 प्रतिशत यात्री सड़क मार्ग से यात्रा करते हैं और 65 प्रतिशत समान की ढुलाई सड़क मार्ग से होती है. हमारे देश में नई रेल लाइनों का विस्तारीकरण, कोच, इलेक्ट्रिफिकेशन, इंजन का आधुनिकरण धीमी गति से हुआ है. पिछले 60 सालों में रेल्वे रूट की लम्बाई मात्र 10,864 किलोमीटर ही बढ़ाई गई, 30 प्रतिशत रेल्वे ट्रैक का ही इलेक्ट्रिफिकेशन हुआ है. वास्तविकता यह है कि डीज़ल इंजन के मुकाबले बिजली से चलने वाला इंजन किफायती और पॉवरफुल है. एक ऐसी नीति और योजना बनाने की बहुत बडी जरूरत है जिससे नई रेल लाइनों का विस्तारीकरण, कोच, इलेक्ट्रिफिकेशन, इंजन का आधुनिकरण को गति दी जा सके.

एक दूरगामी योजना बनाने की जरूरत है. अब समय आ गया है कि जनता को उर्जा के वैकल्पिक स्रोतों का उपयोग करने के लिए जागरूक और प्रोत्साहित किया जाए.

– केशव राम सिंघल

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