बधाई, बधाई, बधाई, बधाई
मुबारक सभी को दिवाली है आई.
दशहरा गया अब दिवाली जो आई
अंधेरों से रौशन उजाले है लाई
हैं शुभ शुभ सुन्हरा ये त्यौहार लोगो
जलाकर दिये सबने किस्मत जगाई
जो श्रधा से पूजन करें लक्ष्मी जी का
वहीं धन की बरसात ले के वो आई
सदा माँ सरस्वत कृपा धारणी बन
दे वर ज्ञान का हर किसी को है भाई
खिलोओ और खाओ दिवाली मनाओ
बने अच्छे पकवान और रस मलाई
करे विघ्न का नाश गणनाथ देवी
हरे कष्ट सारे करे है भलाई.
-देवी नागरानी
“चराग़े-दिल” ग़ज़ल-संग्रह का विमोचन
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