मदस विवि में अर्न्तमहाविद्यालय सांस्कृतिक कार्यक्रम का समापन

a1a2a3a4a5अजमेर। महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय, अजमेर में छात्र कल्याण के अन्तर्गत दिनांक 23 जनवरी 2014 को हुए अर्न्तमहाविद्यालय सांस्कृतिक कार्यक्रम-ICCC-2014 का समापन समारोह की अध्यक्षता माननीय कुलपति रामखिलाड़ी मीणा ने की। मीणा ने विद्यार्थियो को बहुउपयोगी गुणो का भन्डार बताते हुए शिक्षको को उनके उचित मार्गदर्शन करने का आह्वान किया तथा विजेताओं को पुरूस्कार वितरण किये।
इस प्रतियोगिता में विश्वविद्यालय से सम्बद्व 30 महाविद्यालयों की टीमों के लगभग 250 प्रतिभागियों ने विभिन्न प्रतियिोगिताओं में भाग लिया। डीन छात्र कल्याण डा. शिवदयाल सिंह ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया एवं डॉ अश्वििनी तिवारी ने इस प्रतियोगिता के परिणाम घोषित किये। प्रतियोगिताओं में प्रथम व द्वितीय स्थान प्राप्त करने वालो प्रतिभागी विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित होने वाली अर्न्तराष्टीय अन्तर विश्वविद्यालय सांस्कृतिक प्रतियोगिता बणी-ठणी -2014 जो दिनांक 30 व 31 जनवरी ,2014 में आयोजित होने वाली प्रतियोगिता में मदसविवि का प्रतिनिधित्व करेंगे तथा इसी के साथ ही माननीय कुलपति महोदय ने ICCC-2014 के समापन की घोषणा की। छात्रसंघ अध्यक्ष राकेश घौसल्या ने अतिथियों व प्रतिभागीयों को धन्यवाद ज्ञापित किया, व विजेताओं को बधाई दी। डॉ.राजू शर्मा ने कार्यक्रम का संचालन किया।
लोक नृत्य समूह में ढोल जखीरों दा रिमिक्स पर विशुद्ध एवं अनुप्रयुक्त विभाग, मदसविवि, वारी वारी जांवां रिमिक्स पर सोफिया गर्ल कॉलेज, अजमेर, नगाड़ा संग ढोल बाजे पर खाद्य एवं पोषण विज्ञान विभाग मदस विवि, सुण तेजाजी रे पर रुपी देवी गर्ल्स कॉलेज भीलवाड़ा तथा वो कृष्णा है पर अग्रवाल गर्ल्स कॉलेज किशनगढ़ के छात्र छात्राओं ने प्रस्तुति दी।
इसी प्रकार लोकनृत्य एकल में काल्यो कूद पड्यो पर सोफिया कॉलेज की शिवानी पोद्दार ने, परदेशी बिणजारा पर रुपी देवी गर्ल्स कॉलेज की आशा बैरवा ने, म्हारा हाथा में चूडला खणके पर राजकीय कन्या महाविद्यालय अजमेर ने, हो म्हारी घूमर छै नखराली पर श्री प्रज्ञ महाविद्यालय की सुनिता गुर्जर ने, हो म्हारा छैल भंवर रो पर हुकुमचंद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑव साइंस की शिप्रा ने, डाक बाबू लायो संदेशवा म्हारे पीयाजी को भावे ना विदेशवा पर लक्ष्मी ने, अस्सी कली रो म्हाने घाघरो सिल्या दे पर नाचु सारी रात पर अरुणा ने, ओ म्हारा अस्सी कली का लहंगा देखो घूम रह्या पर किरण ने, टूटे बाजूबंद री लड़ उलझी उलझी जाय पर अंजना ने तथा डाक बाबू लाया रे संदेशवा म्हारे जीया जी को भावे ना विदेशवा पर राधा आदि मनमोहक प्रस्तुतियां दी।
-डॉ.राजू शर्मा
(मडिया प्रभारी)

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