महाराजा दाहरसेन का जीवन देश प्रेम की मिसाल-कटारिया

s1s2s3s4s5अजमेर। पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री गुलाबचन्द कटारिया ने कहा कि सिंधुपति महाराजा दाहरसेन का जीवन देश प्रेम एवं मातृभूमि के लिए मर मिटने वालों के लिए मिसाल है। दाहरसेन का बलिदान हमें अपनी नई पीढ़ी को सिखाना होगा ताकि देश के हर बच्चे में देश प्रेम का गुण विकसित हो सके। हमें अपने गौरवशाली अतीत को और ज्यादा भव्य तरीके से पेश करना है ताकि नई पीढ़ी को प्रेरणा मिल सके।
श्री कटारिया सोमवार को कोटड़ा स्थित महाराजा दाहरसेन स्मारक में आयोजित सिंधुपति महाराजा दाहरसेन के 1302वें बलिदान दिवस एवं राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम मेंं द्वितीय सिंधुपति महाराजा दाहरसेन राष्ट्रीय सम्मान रायपुर छत्तीसगढ़ के शदानी दरबार के संत युधिष्ठर लाल को प्रदान किया गया। उन्हें 51 हजार रूपये नकद, शॉल एवं श्रीफल प्रदान किया गया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए श्री कटारिया ने कहा कि संतो की उपस्थिति में यह कार्यक्रम और ज्यादा भव्य हो गया है।
श्री कटारिया ने कहा कि भारत को सोने की चिडिय़ा कहा जाता था। इसका अपना गौरवशाली अतीत हैं। सिंधुपति महाराजा दाहरसेन जैसे नायकों के कारण हम अपनी मातृभूमि पर गर्व करते हैं। महाराजा दाहरसेन ने स्वयं एवं अपने पूरे परिवार का बलिदान मातृभूमि की रक्षा के लिए न्यौछावर कर दिया। हमें नई पीढ़ी को यह इतिहास याद दिलाना होगा। हम अपनी मातृभूमि का सम्मान करना सीखें।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री औंकार सिंह लखावत ने कहा कि सिंध के बिना हिन्द का और हिन्द के बिना सिंध का परिचय इतिहास और संस्कृति अधूरी है। सिंध सभ्यता दुनिया की सबसे पुरानी नगरीय सभ्यताओं में से एक है इससे हमें सिख मिलती है । सिंधुपति महाराजा दाहरसेन ने मातृभूमि के लिए खुद को बलिदान कर दिया। हिन्दुस्तान ने कभी पराजय स्वीकार नहीं की। महाराजा दाहरसेन और उनके परिवार का बलिदान हमें मातृभूमि के लिए स्वयं को न्यौछावर कर देने की सीख देता है। कार्यक्रम में विधायक श्रीमती अनीता भदेल ने कहा कि महाराजा दाहरसेन ने सभ्यता एवं संस्कृति की रक्षा के लिए अपने आप को बलिदान कर दिया। उन्होंने हमें यह प्रेरणा दी कि मातृभूमि की रक्षा के लिए कोई भी बलिदान दिया जा सकता है। हमें प्रेरणा लेनी चाहिए। विधायक श्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि अजमेर का दाहरसेन स्मारक अपने आप में एक मिसाल और धरोहर है। उनका बलिदान वर्तमान परिस्थितियों में भी प्रासंगिक है।
राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले संत युधिष्ठर लाल ने कहा कि राष्ट्र सेवा सर्वोपरि है हम अपने सभी कर्तव्यों को राष्ट्रहित ध्यान में रखकर पूरा करें। कार्यक्रम को महापौर श्री कमल बाकोलिया, श्री कैलाश जी सहित अन्य वक्ताओं ने संबोधित किया। कार्यक्रम में जोधपुर सांसद श्री गजेन्द्र सिंह, विधायक श्री भागीरथ चौधरी, पूर्व सांसद श्री रासा सिंह रावत, श्री रघुवीर सिंह सोडा, संत हंसराम जी, श्री चम्पालाल महाराज, श्री सुरेन्द्र सिंह शेखावत, श्री सम्पत सांखला, स्वामी श्यामदास, महंत स्वरूपदास एवं संत श्यामशरण सहित कई गणमान्य व्यक्ति, बाड़मेर, बालोत्रा एवं राजस्थान के अन्य हिस्सों से आए व्यक्ति उपस्थित थे। इससे पूर्व श्री कटारिया का दाहरसेन स्मारक आगमन पर भव्य स्वागत किया गया। श्री कटारिया ने स्मारक का अवलोकन भी किया। कार्यक्रम में वन्दे मातरम एवं देशभक्ति गीत की प्रस्तुति को भी सभी ने सराहा।
अजमेर विकास प्राधिकरण नगर निगम, पर्यटन विभाग व सिंधुपति महाराजा दाहरसेन समारोह समिति एवं भारतीय सिंधु सभा के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित बलिदान दिवस पर रायपुर छत्तीसगढ़ के संत युधिष्ठर लाल को द्वितीय राष्ट्रीय सिंधुपति महाराजा दाहरसेन के सम्मान से नवाजा गया। उन्हें इस सम्मान के तहत 51 हजार रुपए का नकद पुरस्कार के साथ शॉल ओढ़ाकर एवं श्रीफल भेट कर सम्मानित किया। संत युधिष्ठरलाल का सम्मानित करने से पूर्व स्मारक के पास चौराहे से बग्घी पर बैठाकर बैण्ड बाज व शहनाई के साथ कालोनी वासियों द्वारा पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया जो भक्तिमय माहौल बना दिया। संत युधिष्ठरलाल ने सम्मान में मिले इक्कावन हजार रूपये को पुनः महाराजा द्ाहरसेन समारोह समिति को सेवाकार्य के लिए भेंट किये । इसी क्रम में जोधपुर के सांसद श्री गजेन्द्र सिंह जी ने भी अपनी ओर से रूपये इक्कावन हजार रूपये कारपोस फण्ड में सहयोग की घोषणा की। बाडमेर हालपावरा के मौलवी अब्दुल करीम ने सिन्धु संस्कृति व महाराजा द्ाहरसेन के बलिदान को प्रेरणादायी बताया ।
समारोह में जोधपुर के सांसद गजेन्द्र सिंह, चौहटन के विधायक वरूण राय कागा, नगर निगम के मेयर कमल बाकोलिया, मसाणिया भैंरूनाथ के चम्पालाल महाराज, स्वामी युधिष्ठर लाल जोधपुर के राजवीर सिंह सोढ़ा स्वामी हंसराम जी उदासीन, किशनगढ़ के विधायक भागीरथ चौधरी, पूर्व सांसद रासासिंह रावत सहित अनेक गणमान्य लोगों ने महाराजा दाहरसेन के जीवन पर अपने विचार व्यक्त किए। इससे पूर्व आयोजन समिति के पदाधिकारियों ने मंच पर उपस्थित सभी अतिथियों का माल्यार्पण कर दाहरसेन का चित्र भेट कर स्वागत किया।
इस अवसर पर समिति के तत्वावधान में गत सप्ताह आयोजित रंग भरो प्रतियोगिता के विजेताओं को भी पुरस्कार वितरित किया गया। चौरसियावास रोड झूलेलाल मंदिर में आयोजित स्पर्धा में प्रथम.सुमितए द्वितीय.दीपाली एवं तृतीय.नैन्सी रामनाणी रहे। ईश्वर मनोहर उदासीन आश्रम अजयनगर में आयोजित स्पर्धा में प्रथम नैना त्रिलोकचंदानी ए द्वितीय.प्रीति वंजाणी एवं तृतीय.प्रियंका इसराणी रहे। झूलेलाल मंदिर नाकामदार में आयोजित स्पर्धा में प्रथम.भावेश नावाणीए द्वितीय.मुस्कान ज्ञानवाणी एवं तृतीय.नितेश सोनी रहे।
वरिष्ठ साहित्यकार श्याम सुन्दर भट्ट द्वारा लिखित महर्षि हरित पर हरिशेवा धाम के सहकार से प्रकाशित पुस्तक का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम के शुरूआत में हिंगलाज माता पूजन, महाराजा द्ाहरसेन के पुष्पाजंलि के साथ हुआ । वन्दे मात्रम कु. ममता तुलस्यिाणी ने गाया । कार्यक्रम का संचालन आभा भारद्वाज व महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने किया ।
देश भक्ति आधारित कार्यक्रम में जयपुर के नारायणदास पारवाणी, ललित शर्मा के साथ सप्तक के कलाकार व प्रकाश मोटवाणी द्वारा सिन्धी भजनों की प्रस्तुति दी ।
समारोह समिति के कवंलप्रकाश किशनाणी, वेद प्रकाश जोशी, नवलराय बच्चाणी, सम्पत सांखला, कमल पंवार, शैलेन्द्र सतरावाला, सोमरत्न आर्य, नवीन सोगाणी, मोहन तुलस्यिाणी, महेश टेकचंदाणी, नारायणदास हरवाणी, लक्षमण कोटवाणी, बलराम हरलाणी, ईसर भम्भाणी, नरेन्द्र बसराणी सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने सहयोग किया ।

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