इतिहास के पन्नों पर स्वर्णिम अक्षरों के साथ अंकित हुआ आचार्य पदारोहण दिवस

2मदनगंज-किशनगढ़। वात्सय वारिधि जिनधर्म प्रभावक, राष्ट्र गौरव आचार्य वर्धमान सागर महाराज के 25 वां आचार्य पदारोहण रजत कीर्ति चारित्र महोत्सव का समापन अभिवन्दन उत्सव के साथ रविवार को समारोहपूर्वक हुआ। श्री मुनिसुव्रतनाथ दिगमर जैन पंचायत, वात्सय वारिधि जिनधर्म प्रभावक आचार्यश्री वर्धमान सागर आचार्य पदारोहण रजत कीर्ति चारित्र महोत्सव समिति एवं सकल दिगम्बर जैन समाज के तत्वावधान में आयोज्य महोत्सव कार्यक्रमों के सफल आयोजन से धर्मनगरी किशनगढ़ धरा पावन होने के साथ ही इतिहास के पन्नों में स्वर्णिम अक्षरों में इसका नाम अकिंत हो गया। महोत्सव में देशभर से करीब एक लाख से भी अधिक श्रद्वालुओं ने भाग लेकर महोत्सव में चार चांद लगाते हुए इसे ऐतिहासिक बना दिया। महोत्सव में सामाजिक व धार्मिक संगठनों के साथ विभिन्न समाज की संस्थाओं का भरपूर सहयोग मिला। कार्यक्रम में महोत्सव समिति संयोजक राजकु मार दोसी, महामंत्री राजेन्द्र बैद मुनिसुव्रतनाथ पंचायत अध्यक्ष भागचंद बोहरा व कार्याध्यक्ष संजय पापड़ीवाल ने सभी का आभार व्यक्त किया। मंच संचालन पण्डित हंसमुख जैन किया।

राजनेता अपने कत्र्तव्य का बोध समझें -सागर महोत्सव के अभिवन्दन समारोह में आचार्य श्री ने देश के नाम अपने संदेश में कहा कि राजनेता अपने कत्र्तव्य का बोध समझें जनता की सेवा के प्रति अपनी जिम्मेदारी को निभाए एवं प्रशासन विश्व व समाज को अनुशासित करने के लिए अपना धर्म निभाएं। दुनियां बहुत बड़ी है। संयुक्त राष्ट्र संघ में 197 देशों को मान्यता प्रदान की है। उसमें भारत एक अभिन्न अंग है। भारत व विश्व आज आतंकवाद, हिंसक घटनाओं, पर्यावरण सहित अनेक समस्याओं से गुजर रहा है। अहिंसा, मानवता, नैतिकता ऐसे सिद्धान्त है जो भगवान ऋषभदेव से लेकर भगवान महावीर स्वामी सहित अनेक तीर्थकरों ने हमें जीवन में अपनाने के लिए दिए है। जिससे सारी समस्याएं शांत हो सकती है। जीवन जीने का सूत्र बताते हुए आचार्य ने कहा कि मेरी भावना से विश्व को क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए का ज्ञान मिलता है। इसके कारण हम सुख, शांति, समृद्धि से जीवनयापन कर सकते है। हम मानव वाद में है हमें विचार करना होगा। आत्मतत्व में आत्मा है। हम अपने ज्ञान सम्पदा को भूलकर भौतिकता की ओर बढ़ रहे है। पांच पापों का वर्णन करते हुए आचार्य ने धर्ममार्ग पर चलने की बात की। आचार्यश्री ने कहा कि भारत विद्वानों का देश है सभी को अपनी-अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। संत हर जगह नही रह सकते पर विद्वान देश के हर गांव व ढाणी में है। उन्हें सत्य, अहिंसा को समझाते हुए प्रचार-प्रसार करें तो बहुत अच्छा कार्य हो सकता है। काम, लोभ, मोह, ईष्र्या मन में आ जाती है इसलिए हम अनुशासन भुल जाते है। भारत ने विश्व को अध्यात्म का ज्ञान सिखाया है। परम्परा के आचार्य का गुणगान करते हुए आचार्यश्री ने कहा कि हमारा अपना कु छ भी नहीं है यह तो गुरूजनों के आशीर्वाद की देन है जिसमें हम निभा रहे है। समाज की बुराईयों को मिटाने के लिए धर्म का मार्ग अपनाना होगा।

कार्यक्रम के अतिथि-महोत्सव के अभिवन्दन उत्सव के दिन अतिथि के रूप में स्वस्ति भट्टारक चारूकीर्ति महास्वामी, स्वस्ति भट्टारक भुवनकीर्ति महास्वामी कारका, विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अशोक परनामी, प्रदेश भाजपा मंत्री सुनील कोठारी, जीतराम चौधरी, ओबीसी प्रकोष्ठ अध्यक्ष दिलीपसिंह राजपाल, जयपुर भाजपा महामंत्री संजय जैन, राज्यसभा सदस्य कप्तानसिंह सौलकी, समझौता समिति के अध्यक्ष निर्मल नहाटा, भाजपा अजमेर जिला अध्यक्ष बीपी सारस्वत, दौलत, विधायक भागीरथ चौधरी, प्रेमचंद बैरवा, सभापति गुणमाला पाटनी सहित अनेक सामाजिक एवं राजनैतिक हस्तियों सहित अनेक गणमान्यजन थे।

विनयाजंलि सभा-महोत्सव में रविवार को आयोज्य विनयाजंलि सभा में पट्ट परम्परा, जैन संस्कृति, श्रुत सेवा, राष्ट्र सेवा, तीर्थ सेवा, समाज सेवा पर मुनि अपूर्व सागर, मुनि अर्पित सागर, मुनि निस्पृह सागर महाराज, आर्यिका प्रशांतमति माताजी सहित महासभा अध्यक्ष निर्मलकुमार सेठी, महोत्सव की राष्ट्रीय अध्यक्षा सरिता जैन, प्रतिष्ठाचार्य हंसमुख जैन, मुनिसुव्रतनाथ पंचायत अध्यक्ष भागचंद बोहरा, महोत्सव कार्याध्यक्ष संजय पापड़ीवाल एवं मुनि संघों से आए संदेश सहित अनेक सामाजिक व राजनैतिक पदाधिकारियों ने आचार्यश्री को अपनी विनयाजंलि दी।

गुरूभक्त रत्नमणि की उपाधि मिली पापडीवाल को-महोत्सव में अपनी विशेष सेवा प्रदान करने एवं आचार्यश्री ससंघ की सेवा करने पर संजय पुनित पापडीवाल को समाज की ओर से गुरूभक्त रत्नमणि की उपाधि से समानित किया गया।

आचार्यश्री के गुणगान -रजत कीर्ति महोत्सव के तहत रविवार को अभिवन्दन उत्सव का शुभारम्भ डॉ. जयकुमार जैन ने मंगलाचरण से किया। कार्यक्रम में आचार्य शांतिसागर महाराज का चित्र अनावरण राजेन्द्रकु मार अनूपकुमार बैद परिवार ऊंटडा वाले, दीप प्रल्वलन सौभागमल, राजेन्द्रकुमार कटारिया परिवार अहमदाबाद, मंगल कलश स्थापना राजकुुमार, जयकुमार दोसी परिवार हरसौली वाले, आचार्यश्री के पाद प्रक्षालन संजयकुमार पुनितकुमार पापड़ीवाल परिवार नगर वाले, पिच्छी भेंट आर के मार्बल परिवार के कंवरीलाल, अशोककुमार पाटनी परिवार, कमंडा भेंट महावीरप्रसाद, विनोदकुमार पाटनी परिवार उरसेवा वाले, शास्त्र भेंट सुुरेश कुमार, डॉ. महेश मित्ता परिवार मण्डावरा वाले एवं आचार्यश्री की महाआरती करने का सौभाग्य विमलचंद पे्रमचंद बडजात्या परिवार मरवा वाले को मिला। कार्यक्रम के दौरान संगीत की मधुर स्वर लहरियों पर भक्तों ने नाचते गाते हुए माहौल को भक्तिमय बना दिया।

जैन भवन आए आचार्यश्री-पांच दिवसीय रजत कीर्ति महोत्सव के रविवार को समापन के पश्चात आचार्यश्री ससंघ सायं आर के हाऊस से विहार कर सिटी रोड स्थित जैन भवन आ गए।

विकलांग शिविर का समापन-महोत्सव के दौरान रविवार को नि:शुक कृत्रिम हाथ, पैर प्रत्यारोपण एवं कैलीपर वितरण शिविर का समापन हुआ। आचार्य वर्धमान सागर जनकल्याण सेवा समिति, अखिल भारतीय युवा मारवाड़ी, वात्सय वारिधि जिनधर्म प्रभावक आचार्य वर्धमान सागर आचार्य पदारोहण रजत कीर्ति चरित्र महोत्सव समिति एवं मुनिसुव्रतनाथ दिगम्बर जैन नवयुवक मण्डल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित शिविर में 68 विकलांग लाभान्वित हुए। मण्डल अध्यक्ष संजय पाण्डया ने बताया भागचन्द सेठी जयपुर, पुनमचन्द गजराज गंगवाल ट्रस्ट के आर्थिक सहयोग से चिहिन्त विकलांगों को उपकरण वितरित किए गए।

बोहरा नगर अध्यक्ष नियुक्त
मदनगंज-किशनगढ़। युवा सेना के जिला प्रमुख हेमन्त सिंह भाटी ने शिवसेना प्रदेश अध्यक्ष अनिल कोठारी के निर्देशानुसार किशगढ निवासी लवीराज बोहरा को किशनगढ शहर का नगर अध्यक्ष पद पर एक वर्ष के लिये नियुक्त करते हुए शीघ्र कार्यकारिणी बनाने के निर्देश दिये है।
-राजकुमार शर्मा

error: Content is protected !!