बाढ़ नियंत्रण एवं नावों के सुरक्षित संचालन के निर्देश दिए

r k meenaअजमेर। संभागीय आयुक्त श्री आर.के. मीणा ने अजमेर संभाग के चारों जिला कलक्टर से कहा है कि वे संभाग में अतिवृष्टि की स्थिति में बाढ़ नियंत्रण एवं उनके क्षेत्र के विभिन्न जलाशयों में नावों के सुरक्षित संचालन की पुख्ता व्यवस्था करें। नावों के सुरक्षित संचालन के संबंध में पूर्व में भी विस्तार से स्पष्ट कर दिया गया है।
श्री मीणा ने आज सभी जिला कलक्टर से बात कर स्पष्ट किया है कि वर्षाकाल प्रारम्भ हो चुका है एवं अतिवृष्टि संभावित है। बाढ़ की स्थिति में आमजन को जीवनरक्षा सहित खाद्य, आवास एवं चिकित्सा सेवा की आपूर्ति किया जाना आवश्यक है और इसके लिए राज्य सरकार द्वारा आपदा प्रबंधन के तहत ”फ्लड मैन्यूअलÓÓ में सभी विभागों के दायित्व निर्धारित कर दिए गए हंै।
संभागीय आयुक्त ने बताया कि वर्षा के दौरान नदी, नालों, तालाबों, जलाशयों तथा झरनों पर आमजन पर्यटक के रूप में देखने तथा पिकनिक मनाने काफी संख्या में पहुंचते हंै। इस दौरान किसी भी प्रकार की लापरवाही तथा अन्य प्राकृतिक कारण से डूबने आदि की घटना के कारण जनहानि होती है। ऐसे स्थलों पर सभी प्रकार के सुरक्षा प्रबंध किए जाए तथा खतरनाक स्थानों पर लोगों के प्रवेश पर रोकने की भी व्यवस्था हों। उन्होंने बाढ़ नियंत्रण कक्ष के साथ-साथ बाढ़ बचाव टीम की 24 घण्टे व्यवस्था हों तथा विशेष आपदा प्रबंधन के तहत चिन्हित स्थानों पर बचाव दल, गोताखोर, तैराक, सुरक्षा व संचार उपकरणों के प्रबंध व सुरक्षात्मक व्यवस्थापन सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए हंै।

बाल वाहिनी योजना की नियमित बैठक लें
अजमेर। संभागीय आयुक्त श्री आर.के. मीणा ने संभाग के अजमेर, भीलवाड़ा, नागौर व टोंक के पुलिस अधीक्षक को आज एक पत्र भेजकर कहा कि वे बाल वाहिनी योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए नियमित बैठक लें तथा स्कूली छात्र-छात्राओं के सुरक्षित परिवहन व्यवस्था को सुनिश्चित करें।
श्री मीणा ने बताया कि सर्वोच्च न्यायाल द्वारा स्कूली छात्र-छात्राओं के सुरक्षित परिवहन सुनिश्चित करने के लिए 1998 में बाल वाहिनी योजना प्रारम्भ की थी। जिसके क्रियान्वयन एवं नियंत्रण हेतु पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता में राज्य सरकार द्वारा स्थायी समिति का गठन किया गया है जिसमें परिवहन एवं पुलिस विभाग सहित शिक्षा विभाग की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निश्चित की गई है।
संभागीय आयुक्त ने पत्र में कहा है कि जुलाई से वर्ष 2014 का नया शिक्षा सत्र प्रारम्भ हो चुका है इसलिए बाल वाहिनी योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु प्रभावी बैठकों की आवश्यकता है।

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