रुबरू थिएटर दिल्ली की प्रस्तुति
नई दिल्ली । लोक कला मंच सभागार में नाटक ‘और एक सच’ का मंचन किया गया ।
नाटक ‘और एक सच’ परिवार से तिरस्कृत और समाज से बहिष्कृत बुज़ुर्ग महिलाओं की जिजीविषा को दर्शाता है ।
इस नाटक की कहानी दो ऐसी बूढी औरतों के चारों ओर घूमती है जिन्हें समाज ने छोड़ दिया है और दोनो एक साथ रहती हैं, कभी लड़ती झगड़ती हैं लेकिन एक दूसरे के बिना नहीं रह सकती हैं । इस नाटक में यह भी दिखाया गया है कि झूठ अंध विश्वास हमारे सबसे बड़े दुश्मन हैं । द्वंद के चलते वह अंत में सभी को एक मार्मिक अपील के जरिए कहती है कि सबसे बड़ा दोषी है, ये पुरुष समाज, जो कदम-कदम पर एक महिला को खिलौना समझता है। उसकी भावनाओं से लगातार खिलवाड़ करता है। दोनो औरतों की नोकझोंक नाटक को हास्य प्रधान भी बनाता है ।
साहित्य भाषा व संस्कृति को सहेजने के साथ-साथ रूबरू थिएटर रंगमंच कला को भी सरंक्षित करने के लिए भी जाना जाता है। सामाजिक समस्याओं और कुरीतियों के प्रति आमजन को जागरूक करने, शिक्षा के महत्व को बताने और महिला सशक्तिकरण रूबरू थिएटर का मुख्य उद्देश्य है।
रुबरू थिएटर ग्रुप द्वारा यह नाटक लगातार मंचित किया जा रहा है और दर्शकों द्वारा बहुत पसंद किया जा रहा है ।
काजल सूरी के निर्देशन में पेश किए गए इस नाटक में मेकअप मुहम्मद राशिद ने किया एवं मंच पर काजल सूरी, जसकीरन चोपड़ा, तनिषा गांधी, कृष बब्बर, अपूर्व, शुभम शर्मा, प्रवीण, आशा खन्ना, नीरज तिवारी आदि सभी ने अपने किरदारों के साथ न्याय किया ।
बैक स्टेज में मंत्र भारद्वाज, वर्षा, वैभव, गुंजन द्वारा, संगीत संचालन स्पर्श रॉय का, लाइट्स नीरज तिवारी एवं रुबरू थिएटर ग्रुप के प्रेसिडेंट समीर खान और इस प्रोडक्शन को प्रोडक्शन मैनेजर रोहित कुमार ने बखूबी निभाया ।