नसीराबाद / आज पर्यूषण पर्व की समाप्ति पर जैन श्वेताम्बर संघ द्वारा स्टेशन रोड स्थित जैन स्थानक में क्षमावाणी पर्व मनाया गया। समाज के सभी महिला, पुरुष बच्चो ने क्षमा वाणी पर्व पर वर्ष में हुई गलतियों के लिए वृद्धजनों के चरण स्पर्श कर एवं युवा वर्ग ने गले मिलकर क्षमा मांगी।
इस अवसर पर ताराचंद मुणोत ने सम्बोधित करते हुए कहा कि विश्व के इतिहास में यह पहला पर्व है, जिसमें शुभकामना, बधाई, उपहार न देकर सभी जीवों से अपने द्वारा जाने—अनजाने में किए गए समस्त गलतियों के लिए क्षमा—याचना करते हैं। क्षमा करने और क्षमा माँगने के लिए विशाल हृदय की आवश्यकता होती है। तीर्थकरो ने सम्पूर्ण विश्व में शांति की स्थापना के लिए सूत्र दिया है—
खम्मामि सव्वजीवाणं, सव्वे जीवा खमंतु मे।
मित्ती मेत्ती मे सव्वभूदेसु, वेरं मञ्झं ण केण वि।।
मैं सभी जीवोंको क्षमा करता हूँ। सभी जीव मुझे भी क्षमा करें।
मेरी सभी जीवों से मैत्री है। किसी के साथ मेरा कोई वैर भाव नहीं है।
-अशोक लोढा