इस बार दीपावली के दिन होगा 7 ग्रहों का शुभ संयोग-कृपलानी

ऐसा अनूठा व उच्च संयोग होगा दूसरी बार 616 वर्ष बाद दीवाली पर

ज्योतिषी सीमा कृपलानी
ज्योतिषी सीमा कृपलानी

ब्यावर, (हेमन्त साहू)। इस बार दीपावली पर 60 साल बाद ऐसा संयोग बन रहा है कि न्यायाधिपति शनि और देव गुरु बृहस्पति अपनी उच्च राशि में रहेंगे। दीपावली इस बार 23 अक्टूबर को कई ग्रहों के साथ शुभ संयोग लेकर आ रही है। यही नहीं, इस दिन 9 ग्रहों में 7 ग्रह अनुकूल स्थिति में होंगे। ज्योतिषविदों के अनुसार दिपावली का दिन महालक्ष्मी को प्रसन्न करने वाला दिन होगा। इस दिन पर की गई खरीददारी भी शुभप्रद मानी जाती है। एैसा अनुठा व उच्च संयोग दुसरी बार 616 वर्ष बाद दिवाली के दिन बनेगा।
ज्योतिष के अनुसार गुरु एवं शनि के उच्च राशि में रहते हुए दीपावली का ये योग 1954 में बना था। उस समय मंगल भी मकर राशि में उच्च का था। इस वर्ष 2014 में वह मित्र राशि धनु में स्थित रहेगा। आने वाले समय में दीपावली पर गुरु एवं शनि एक साथ 616 वर्षों बाद 2630 में उच्च के रहेंगे। हालांकि ये योग जितना प्रभावी इस वर्ष बना हुआ है, उतना प्रभावशाली भविष्य का योग नहीं होगा। इस वर्ष मंगल एवं राहु मित्र राशि में हैं और शुक्र भी स्व राशि में स्थित है।
ज्योतिषि सीमा कृपलानी ने बताया कि 18 अक्टूबर को सूर्य तुला राशि में आ गया। इस राशि में सूर्य नीच का रहता है। शनि भी तुला राशि में ही स्थित है, जो इस ग्रह की उच्च राशि है। गुरु इस समय कर्क राशि में उच्च के हैं। सूर्य, गुरु और शनि ये तीनों ग्रह बड़े और महत्वपूर्ण पद प्राप्त हैं। सूर्य ग्रहों के राजा हैं। बृहस्पति देवताओं के गुरु हैं और शनि न्यायाधीश हैं।
भारतीय पंचाग के अनुसार ज्योतिषि सीमा कृपलानी ने जानकारी देते हुए बताया कि दीपावली पर नौ में से 7 ग्रह अनुकूल होंगे। इसी दिन बुध भी उच्च का रहेगा। मंगल मित्र राशि धनु में और राहु भी मित्र राशि कन्या में रहेगा। यही नहीं चंद्रमा भी दोपहर 3 .24 बजे तक मित्र राशि कन्या में रहेगा। शुक्र स्व राशि तुला में रहेगा। इस तरह सूर्य और केतु को छोड़कर शेष ब्रह्मांड के 7 ग्रह अनुकूल अवस्था में रहेंगे।

सुख-समृद्धि का होगा संयोग:-
ये संयोग सुख-समृद्ध और खुशहाली लाने वाला होगा। चूंकि गुरु और शनि सभी राशियों को प्रभावित करने वाले होते हैं। इनका उच्च राशिगत होना ही हर किसी के लिए उन्नतिकारक रहेगा। न्याय व्यवस्था और वैज्ञानिकों के लिए नए-नए आयामों में श्रेष्ठ रहेगा। इसके अलावा राजनीतिक क्षेत्र में उथल-पुथल पर रोक लगेगी। शासक नई योजनाएं लागू करेंगे।

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