अजमेर के मास्टर प्लान के साथ खिलवाड़ न हो

ajmer logo 1अजयमेरु टाइम्स के 16 अक्टूबर 2014 अंक से जानकारी मिली कि नाका मदार जैन मंदिर चौराहे से मदारपुरा होकर जयपुर रोड तक मिलने बाले रोड को मास्टर प्लान 2033 में 60 फीट का दिखाया गया है जबकि मार्गाधिकार समिति की सभा के निर्णयानुसार यह रोड 100 फीट का स्वीकृत किया गया है। इसी हिसाब से यहां के नकशे पास किए जा रहे हैं। यहीं पर मदार रेलवे स्टेशन है जिसे विकशित करने की योजनाओं के बारे में आए दिन रिपोर्ट आती रहती हैं।
समझ में नहीं आता कि किस प्रकार से अजमेर के टाउन प्लानिंग विभाग का कार्य चल रहा है। क्या अजमेर के हितों के साथ हमेशा सौतेला व्यवहार ही किया जाता रहेगा। बताया जा रहा है कि यहां के मास्टर प्लॉन बनाने का कॉन्ट्रेक्ट जयपुर की किसी फर्म को दिया गया था उसके द्वारा ही यह मास्टर प्लान बना है। जो भी गलतियां इसमें छूटी हैं, उसका कारण मास्टर प्लान बनाने वाले कारिंदों की लापरवाही ही है। इस फर्म को तो अजमेर के हितों से कोई लगाव नहीं होगा परन्तु यहां का नगर नियोजन विभाग व अजमेर विकास प्राधिकरण भी अपनी ओर से ऐसी कोई विज्ञप्ति जारी नहीं कर पा रहा है, जिसे लगे कि मास्टर प्लान में आवश्यक सुधार कर लिए गए हैं।
अब देखो न गुलाबबाड़ी रेल फाटक से नेहरू नगर तक सड़क के दोनों किनारे, कहीं-कहीं एक किनारे लगभग 30 वर्षों से आयरन स्क्रेप मंडी बनी हुई है। इस मंडी की जरूरतों के हिसाब से यहां तीन धर्मकांटे भी बने हुए हैं। फिर भी मास्टर प्लान बनाने वालों को यह सब कुछ नजर नहीं आया और पूरा क्षेत्र आवासीय बता दिया है। अब यदि यहां का व्यापारी अपने व्यपारिक प्रतिष्ठन का नकशा पास कराने जाएगा तो पहले उसे नगर निगम में भू-उपयोग परिवर्तन के लिए फाइल लगानी पड़ेगी, जिसकी अजमेर में क्या हालत है, सब जानते हैं। कहा जाता है कि भू-उपयोग परिवर्तन की मीटिंग साल दो साल में कभी हो जाए तो ठीक नहीं तो राम भरोसे। हां, आपका निर्माण कार्य आराम से करा लो, कोई कुछ नहीं कहेगा। आपको रास्ता दिखाने वाले यहां बैठे हैं, वे सब काम सैट करा देंगे। यह सैटिंग करने से आपने माना किया तो आपको नक्शे का हवाला देकर काम बन्द करा दिया जाएगा और सैटिंग कर ली तो फिर आप चाहो जो बना लो, सब पास है।
यहां तो सैटिंग से अजमेर का गौरव कहे जाने वाले गौरव पथ की कैसी दुर्दशा हुई है, सब जानते हैं।
अजमेर के मास्टर प्लान से हो रहेे खिलवाड़ को समय रहते बन्द कराना आवयश्क है अन्यथा स्मार्ट सिटी कागजों में ही रह जाएगी और इसे मिलने वाले कई सौ करोड़ की राशि का कार्य धरातल पर नजर तक नहीं आएगा।
कृपया हमारी बात मुख्यमंत्री जी तक पहुचाएं शायद वे कुछ कर पाएं।
-हीरासिंह ठाकुर
माधव नगर रेजीडेन्ट्स वेलफेयर सोसाइटी,
माधव कॉलोनी, जेपी नगर, मदार, अजमेर

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