मदनगंज- किशनगढ / बजट वर्ष 2015-16 हेतु राज्य स्तरीय कर परामर्ष दात्री समिति की बैठक 28 जनवरी मंगलवार को शासन सचिवालय जयपुर में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नेतृत्व में आयोजित हुई।
बैठक में भाग लेने के लिए किशनगढ़ मार्बल एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल ने मार्बल उद्योग के समक्ष वर्ष 2009-10 के बाद से आ रही महामंदी की समस्या के निदान के लिए सुझाव प्रस्तुत करने के लिए उपस्थिति दर्ज करवायी। किशनगढ़ मार्बल एसोसिएशन अध्यक्ष सुरेश टाक ने मार्बल आयात नीति 2015 के जारी करवाने में उनके महŸवपूर्ण योगदान के प्रति हार्दिक आभार प्रकट करते हुए निवेदन किया कि अगर मुख्यमंत्री महोदया मार्बल उद्योग के हितों के मद्देनजर अपने प्रभाव का उपयोग नहीं करती तो राज्य के मार्बल उद्योग को मार्बल आयात करने का सुअवसर नहीं मिलता। जिसके परिणाम मार्बल उद्योग के लिए संकटप्रद होते। राजस्थान के मार्बल उद्यमियों के हितार्थ केन्द्र में मजबूत पक्ष रखते हुए पूरे राज्य के मार्बल उद्योग को राहत प्रदान की है।
बैठक में कर सम्बन्धी सुझाव पर टाक ने मुख्यमंत्री से निवेदन किया कि मार्बल उद्यम मंदी की चपेट में आ गया है। उसके लिए सरकार को उद्यमियों को आधारभूत सुविधायें उपलब्ध करवानी चाहिए एवम् जैसा कि लग रहा है कि 2016 से जीएसटी लागू होने वाला है, अतः राजस्थान के संकटग्रस्त मार्बल उद्योग को राहत देने हेतु इस वर्ष राज्य के बजट में मार्बल पर वैट के समान 2 प्रतिशत ही कर दे तो सी फार्म की समस्या भी हल हो जायेगी तथा राजस्थान के मार्बल का व्यवसाय कई गुणा बढ़ जायेगा इससे मंदी की स्थिति स्वतः ही समाप्त हो जायेगी तथा इस उद्योग को राहत मिलेगी। साथ ही टाक ने मुख्यमंत्री राजे को आश्वस्त किया कि ऐसा करने से सरकार को राजस्व का नुकसान भी नहीं होगा। साथ ही विŸा विभाग द्वारा 14.जुलाई .2014 को निकाली गई एक अधिसूचना पर मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित किया कि इस कठिन समय में इस अधिसूचना में रीको एरिया से 5 किमी की परिधि में निजी भूमि के औद्योगिक उपयोग हेतु रजिस्ट्री करवाने पर 4000 (चार हजार रूपये) प्रति वर्गमीटर से रजिस्ट्री की दरें तय कर दी जो सरासर अन्याय है इस अधिसूचना से औद्योगिक विकास तो अवरूद्ध हुआ ही है साथ ही सरकार को भी राजस्व का नुकसान हो रहा है। अधिसूचना के प्रकाशन के बाद से आज तक कोई भी रजिस्ट्री नहीं हुई व नहीं कोई उद्योग लगाने की सोच सकता है विकल्प के रूप में ग्रेनाइट उद्योग लाकर हम विट्रीफाईड टाइल्स के महŸव को कम कर सके। लेकिन जमीनों की डीएलसी दर रूपये 4000 प्रति वर्गमीटर होने से कोई भी उद्यमी उद्योग लगाने की हिम्मत नहीं कर पा रहा है क्योंकि कम से कम 5000 वर्गमीटर जमीन होने पर ही उद्योग स्थापित कर सकते हैं जबकि वहंा पर जमीनों की वास्तविक कीमत रूपये 400 प्रति वर्गमीटर से रूपये 1000 प्रति वर्गमीटर ही है। इसके प्रतिगामी प्रभाव होंगें तथा नये निवेश का वातावरण उत्पन्न नहीं होगा। ग्रेनाइट कड़ी प्रतिस्पर्द्धा तथा कम मुनाफे का व्यापार है। इसलिए यह उद्यम विशेष अनुदान की मांग करता है।
टाक ने रीको औद्योगिक क्षेत्र किशनगढ़ की सड़कों की खराब हालत एवम् स्ट्रीट लाइटों की कमी को दूर करने का निवेदन भी किया।
मुख्यमंत्री ने किशनगढ़ मार्बल उद्योग की समस्याओं के तुरन्त समाधान के लिए प्रमुख शासन सचिव विŸा, रीको चेयरपर्सन एवम् आयुक्त वाणिज्यिक कर विभाग राज., जयपुर को किशनगढ़ मार्बल एसोसिएशन अध्यक्ष के साथ बैठक रखने के निर्देष सभागार में ही जारी कर कहा कि सभी मुद्दों पर चर्चा एवं समाधान करें।
शिष्टमंडल में एसोसिएशन अध्यक्ष टाक के अलावा कर सलाहकार सी.एम. अग्रवाल (सी.ए.) तथा उपाध्यक्ष महावीर कोठारी (धरतीधन) थे।
राजकुमार शर्मा