अजमेर, 10 अप्रैल। हस्तरेखा चमत्कार नहीं, मूलत: विज्ञान है। व्यक्ति अपने कर्मों से अपने भाग्य का विधाता होता है। यदि व्यक्ति कर्म अच्छे करेगा तो ब्रह्मांड की सारी शक्तियां उसके साथ सकारात्मक काम करने लग जायेंगी। व्यक्ति को अपने भाग्य को बदलने के लिये प्रभू स्मरण व दान पुण्य कर अपने सत्कर्मों में बढ़ावा करना चाहिए। जीवन का मूल मंत्र यही है कि धन चाहिये तो धर्म करें व मोक्ष चाहिये तो भजन करें। ये विचार रखे अंतर राष्ट्रीय हस्तरेखा विशेषज्ञ दादा अशोक भाटिया दुबई वाले ने। वे स्वामी कॉम्पलैक्स के बैंक्वेट हॉल में आये जिज्ञासुओं के सवालों के जवाब दे रहे थे।
सिंधी समाज महासमिति के तत्त्वावधान में आयोजित सेमीनार के बारे में जानकारी देते हुए महासचिव हरी चंदनानी ने बताया कि दादा अशोक भाटिया ने सुबह से शाम तक तकरीबन नब्बे लोगों को उनकी हस्त रेखाएं देख कर उपाय बताये।
कार्यक्रम का प्रारम्भ करते हुए महासमिति के अध्यक्ष कंवलप्रकाश किशनाणी ने सिन्धी भाषा दिवस का जिक्र करते हुए कहाकि हमारी संस्कृति की रक्षा अपनी भाषा को संजो कर रखने से ही होगी। इस अवसर नरेन शाहनी भगत, कंवल प्रकाश, महेश तेजवानी, भगवान कलवानी, गिरधर तेजवानी, हरी चन्दनानी, हरीश खेमानी, राधाकिशन आहूजा, अनिता शिवनानी, कमल भगत, घनश्याम भगत, ललित भगत, ईसर भम्भाणी, मुखी कन्हैयालाल, हरीश केवलरामाणी, महेन्द्र कुमार तीर्थाणी, जगदीश अबिचंदाणी, लाल नाथाणी, प्रकाश जेठरा, रमेश टिलवाणी, जगदीश भाटिया, भगवान कोटाई, चन्द्रप्रकाश भोजवाणी, के.जे. ज्ञानी, भगवान साधवाणी, दयाल सेवाणी, लक्षमण कोटवाणी, हरीश केवलरामाणी सहित विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता उपस्थित थे।
हरी चन्दनानी
महासचिव
मो. 9649750811