किसानों व पशुपालकों की जिज्ञासा शांत हुई- रामचन्द्र चौधरी

वेल्यू एडेड प्रोडक्ड का विस्तार आवश्यक- डॉ. अनिल कुमार श्रीवास्तव
‘राजस्थान में दुग्ध उत्पादन बढाने की योजनाएं व नीतियांÓ विषयक राष्ट्रीय सेमिनार का समापन
r c choudhry 1अजमेर। अजमेर जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड के अध्यक्ष श्री रामचन्द्र चौधरी ने कहा कि इंडियन डेयरी एसोसिएशन(नार्थ जोन) व अजमेर डेयरी के द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार किसानों व पशुपालकों की कई जिज्ञासाओं को शांत करने में सफल रहा है, सेमिनार में दुग्ध उत्पादन में वृद्घि, पशु नस्ल सुधार, पशु आहार समेत विभिन्न वैज्ञानिक तकनीकों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी गई उक्त आयोजन अजमेर जिले के किसानों व पशुपालकों के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
श्री चौधरी आज अजमेर डेयरी के सभागार में इंडियन डेयरी एसोसिएशन(नार्थ जोन) व अजमेर जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड द्वारा ‘राजस्थान में दुग्ध उत्पादन बढाने की योजनाएं व नीतियांÓ विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दो दिवसीय सेमिनार के दौरान देश के प्रख्यात वैज्ञानिकों व विशेषज्ञों ने पशुपालन, दुग्ध उत्पादन में वृद्घि, डेयरी उद्योग, पशुआहार समेत विविध जानकारी प्रजेन्टेशन के माध्यम से उपलब्ध कराई। किसानों व पशुपालकों ने भी खुले सत्र के दौरान विषय विशेषज्ञों से दुग्ध उत्पादन, क्रास ब्रीडिग, पशु आहार समेत कई महत्वपूर्ण प्रश्न पूछे एवं उनके जवाब से संतुष्ट भी हुए। इस प्रकार के शैक्षिक आयोजन से किसानों व पशुपालकों के आत्मविश्वास में भी वृद्घि होती है।
उन्होंने कहा कि अजमेर डेयरी के माध्यम से 704 दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियोंं का गठन किया जा चुका है, जिनके माध्यम से किसान व पशुपालक आत्मनिर्भर हुए है एवं ग्रामीण विकास को भी गति मिली है। साथ ही डेयरी के माध्यम से पशु चिकित्सा व स्वास्थ के कार्यक्रमों के तहत टीकाकरण, नस्ल सुधार, संतुलित पशुआहार, हरा चारा बीज वितरण जैसे कार्यक्रमों का आयोजन दुग्ध उत्पादन समितियों के माध्यम से किया जा रहा है। इस अवसर पर उन्होंने इंडियन डेयरी एसोसिएशन(नार्थ जोन) व राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान केन्द्र के वैज्ञानिकों व विशेषज्ञों को किसानों व पशुपालकों को वैज्ञानिक विधियों व तकनीक की जानकार देने व उनकी जिज्ञासाओं को शांत करने हेतु आभार भी प्रकट किया।
राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान केन्द्र करनाल के निदेशक डॉ. अनिल कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि दो दिवसीय सेमिनार के दौरान राजस्थान में दुग्ध उत्पादन में वृद्घि व डेयरी उद्योग में नई संभावनाओं के विषय में मंथन किया गया। उन्होंने कहा कि डेयरी उद्योग में वैल्यू एडेड प्रोडक्ट्स के उत्पादन को गति देने की आवश्यकता है, जिसके तहत डेयरी के माध्यम से कॉलेस्ट्रॉल फ्री घी, मक्खन, आईस्क्रीम, कुल्फी, वेह प्रोटीन के मिश्रण से बने उत्पाद, बाजरा व दूध की लस्सी जैसे उत्पादन किए जाने चाहिए। इस प्रकार के नवाचार से डेयरी उद्योग को नई उंचाईयों तक पहुंचाया जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि देश में 140 मिलियन टन दूध का उत्पादन होता है, जिसमें से 14 मिलियन टन हिस्सा राजस्थान का है। देश में उत्तरप्रदेश के बाद राजस्थान का दुग्ध उत्पादन में दूसरा स्थान है। अजमेर जिले में राजस्थान के दुग्ध उत्पादन का 6 प्रतिशत उत्पादन होता है, इस प्रकार अजमेर के दुग्ध उत्पादकों का डेयरी क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान है। डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि दो दिवसीय सेमिनार के दौरान पशुओं की देशी नस्लों के माध्यम से उत्पादन में वृद्घि, ब्रीडिंग पॉलिसी, क्रॉस ब्रीड कार्यक्रम, टीकाकरण, पशु स्वास्थ्य के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए है। साथ ही उन्होंनें आगामी 20 फरवरी 2016 को राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान केन्द्र करनाल में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय सम्मेलन में वैज्ञानिक सेशन के साथ किसानों का सेशन भी रखने की बात कही। जिसमें अजमेर डेयरी मे माध्यम से पशुपालकों व किसानों को आमंत्रित किया गया।
इस अवसर राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान केन्द्र के वैज्ञानिक, विशेषज्ञ, अजमेर डेयरी के अधिकारी व कर्मचारी समेत कई गणमान्य नागरिक भी मौजूद थे।

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