खामियाजा तो पुष्कर की जनता को ही भुगतना पड़ेगा

bramha mandir01-नंद किशोर बाकोलिया- पुष्कर नगर वर्तमान में पानी की भारी समस्या से गुजर रहा हें।समस्या भी ऐसी जिसका किसी के पास कोई जवाब नही हें और आम जनता त्राहि – त्राहि कर रही हें।नगर पालिका अपने स्तर पर प्रयास कर रही हे लेकिन वो काफी नही हो रहे हें और “तंगी में आटा गिला” तब हो गया जब जलदाय विभाग ने 48 घण्टों से पानी देने की बात कहीँ।लेकिन कोई नेता नही बोला जी।और तो और उर्स के कारण पानी की कटौती का तर्क भी दिया गया।आप लोगो की उत्तम जानकारी के लिए बताना चाहता हु जी करीब 10 साल रमजान खान ,5 साल बाहेती जी,5 साल नसीम जी कुल मिलाकर 20 साल और 20 उर्स भी आये क्या पानी की कटौती हुई ? जी नहीं जहाँ तक मुझे पता हे ना तो पानी की कटौती हुई ना ही 48 घण्टे से पानी दिया गया। लेकिन इस बार हुई कटौती के बारे में ना कोई कहने वाला ना कोई सुनने वाला हें ।नेता जी से कहा जाता हे तो जवाब आता हे की ये राष्ट्रीय समस्या हे ? क्या 1 साल में ही पानी हमारी राष्ट्रीय समस्या बन गई हे और तो और अगर किसी छोटे नेता को कहते हे तो जवाब आता हे की अबकी बार वोट मत देना तुम्हारे वोट से क्या फर्क पड़ता हे।समझ में ये नही आता हे की आखिर किससे कहे।लेकिन ये बात तो पककी हो गई हे की जनता ने जिस उम्मीद से विजय दिलाई, वह ना उम्मीद हो गए हे ।खेर अभी भी कुछ नही हुआ हे सब ठीक हो सकता हे।यदी नही होता हे तो भविष्य साफ दिख रहा हे।हालांकि पार्टी के कुछ जागरूक लोगो से बात हुई हे उन्होंने इस बारे में माननीय मुख्यमंत्री जी,माननीय प्रदेश अध्यक्ष जी, माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष जी और माननीय प्रधानमंत्री जी को पत्र लिखकर कार्यवाही की मांग की हे और इससे पार्टी को भविष्य में होने वाली हानि का भी जिक्र किया गया हें।

बीसलपुर के पानी के चक्कर में पुष्कर के जो प्राकृतिक जल स्रोत है उनपर ध्यान देना बंद कर दिया है और नतीजा भी सामने है सभी स्रोत विलुप्त हो चुके है वरना हमारे पास इतना पर्याप्त पानी था की हमे किसी के सामने हाथ फेलाने की जरुरत नही पड़ती अब हालात ऎसे है की जो पुराने ट्यूबवेल है वो खराब होरहे है और जलदाय विभाग भी इनको ठीक करवाने में दिलचस्पी नही लेरहा है खेर मामला कोई भी हो इसका खामियाजा तो पुष्कर की जनता कोही भुगतना पड़ेगा।
हेमंत रायता

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