यूथ एक्टिंग वर्कशॉप का हुआ उद्घाटन

sammanit evam mukhya atithiIMG-20150520-WA0519अजमेर / अभिनय के साथ-साथ जीवन में जाग्रति लाने के लिए अध्यात्म की भी आवश्यकता है। अध्यात्म हमें उर्जा देता है और नाटृयविधा उस उर्जा को व्यावहारिक उपयोग में लाने की कला सिखाती है। चिति संधान योग की अध्यक्षा स्वामी अनादि सरस्वती ने ग्रीष्मकालीन ‘यूथ एक्टिंग वर्कशॉप‘ का उद्घाटन करते हुए मुख्य अतिथि के रूप में ये विचार व्यक्त करते हुए कही। नाट्यवृंद थियेटर एकेडमी एवं लायनेस क्लब अजमेर सर्व उमंग के संयुक्त तत्वावधान में 30 मई 2015 तक आयोजित होने वाली दस दिवसीय युवा अभिनय कार्यशाला बुधवार को वैशाली नगर स्थित टर्निंग र्पाइंट स्कूल में शुरू हुई। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे शिक्षाविद् डॉ. बद्रीप्रसाद पंचोली ने कहा कि संसार में नाट्य विधा का प्रतिपादन आचार्य भरतमुनि ने पंचमवेद नाट्यशास्त्र की रचना करके किया है। नाटक जीवन में लावण्य पैदा करता है। विशिष्ट अतिथि पूर्व महापौर सोमरत्न आर्य ने शहर में नाट्यकला के अभ्यास से व्यक्ति सुसंस्कारित होता है। नाटक मन पर नियंत्रण करना सिखाता है।
अभिनय कार्यशाला के निर्देशक उमेश कुमार चौरसिया ने संस्था द्वारा नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से चलाये जा रहे जन जागरण अभियान की जानकारी देते हुए कहा कि वर्तमान प्रतिस्पर्धा के युग में युवाओं के लिए आवश्यक अभिव्यक्ति कौशल को नाट्य अभ्यास के द्वारा सहज सीखा जा सकता है। इस अवसर पर चिकित्सा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए डॉ तरूण सक्सेना और योग के प्रति चेतना जाग्रत करने में महत्वपूर्ण भूमिका के लिए योग शिक्षक डॉ स्वतंत्र शर्मा का अभिनन्दन किया गया। दूसरे सत्र में फिल्म निर्देशक अशोक बाफना ने नये प्रशिक्षणार्थियों को टेलीविजन सीरीयल व फिल्म के संदर्भ में अभिनय के विशेष गुर सिखाते हुए बताया कि अभिनय के साथ जीवन में भी श्रेष्ठता हासिल करने के लिए व्यक्तित्व, आत्मविश्वास, समयबद्धता, गहन अवलोकन और अभ्यास बहुत जरूरी है। प्रारंभ में क्लब सचिव आभा गांधी व अंकित शांडिल्य ने अतिथियों का स्वागत किया। आकाशवाणी गीतकार डॉ. पूनम पाण्डे ने संचालन किया।
नाटक ने दिया संदेश-उद्घाटन के अवसर पर नाट्यवृंद थियेटर ग्रुप के युवा कलाकारों ने उमेश चौरसिया द्वारा लिखित व निर्देशित नाटक ‘हमारी जिम्मेदारी‘ का प्रभावी प्रदर्शन भी किया, जिसमें आनासागर झील को स्वच्छ रखने का संदेश दिया गया। नाटक में अंकित शांडिल्य, निर्मल सहवाल, हर्षुल मेहरा, लखन चौरसिया, मोहित व सुधीर सतरावला ने महत्वपूर्ण पात्रों का अभिनय किया।
उमेश कुमार चौरसिया
निर्देशक व संयोजक
संपर्क-9829482601

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