धूमधाम से निकलेगी जगन्नाथ प्रभु की रथयात्रा

jagannath bhagwanब्यावर, 11 जुलाई। धार्मिक नगरी ब्यावर में आगामी 18 जुलाई को भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा धूमधाम से निकाली जाएगी। पुरी की तर्ज पर होने वाले इस भव्य आयोजन की तैयारियों को लेकर जगन्नाथ रथयात्रा समिति की बैठक गोपालजी मोहल्ला में आयोजित हुई। संरक्षक पं.मुकुंदशरण दाधीच के सानिध्य में व्यवस्थाओं को लेकर चर्चा की गई।
जगन्नाथ प्रभु की रथयात्रा 18 जुलाई को दोपहर 3 बजे गोपालजी मोहल्ला से प्रारंभ होगी। इससे पूर्व रथ को फूल मालाओं से सुसज्जित किया जाएगा। रथ में विराजमान ठाकुरजी की आरती के पश्चात् प्रशासनिक अधिकारी चेरा-पोरी की रस्म निभाएंगे। हरिनाम संकीर्तन के साथ भक्त प्रभु के रथ को खींचते हुए आगे बढ़ेंगे। रथ के आगे लगे चार प्रतीकात्मक घोड़े धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष के प्रतीक होंगे। रथ का नाम नंदी घोष होगा। रथयात्रा में सबसे आगे सुमधुर स्वर लहरियां बिखेरता बैंड चलेगा। इसके पीछे बाल मंडली गौ माता के भजन व इस्कॉन के भक्त हरिनाम संकीर्तन करेंगे। प्रभात फेरी, महिला मंडली के साथ शहर के कई गायक भजन गाकर व महामंत्र का जाप करते हुए वातावरण को भक्तिमय बनाएंगे। कई संत-महात्मा भी शामिल होंगे। शोभायात्रा का मार्ग में विभिन्न सामाजिक संस्थाओं, राजनीतिक व व्यापारिक संगठनों की ओर से स्वागत किया जाएगा। तैयारी बैठक में समिति के कई सदस्य शामिल हुए।

इस मार्ग से गुजरेंगे प्रभु
रथयात्रा गोपालजी मोहल्ला से प्रारंभ होकर फतेहपुरिया चौपड़, एकता सर्किल, पीपलिया बाजार, सुनारान चौपड़, सनातन स्कूल मार्ग, मालियान चौपड़, गीता भवन मार्ग, चमन चौराहा, लोहारान चौपड़, पाली बाजार, पुरानी हलवाई गली, सरावगी मोहल्ला, भगत चौराहा से अजमेरी गेट में प्रवेश कर पुन: गोपाली मोहल्ला पहुंचकर विसर्जित होगी। यहां आरती के पश्चात् प्रसाद वितरण किया जाएगा।

यह है मान्यता
आषाढ़ माह में भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलदेव व बहन सुभद्रा के साथ ननिहाल जाते हैं। ये तीनों देव अपनी यात्रा सजे संवरे रथों में सवार होकर करते हैं। इसे पुरी में रथ यात्रा या रथ महोत्सव कहा जाता है। यह रथयात्रा मिलन, एकता व अखंडता की प्रतीक है। इस पौराणिक प्रसंग को बीते कुछ साल से ब्यावर में भी साकार किया जा रहा है।

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