सैयद आज़म हुसैन की दूसरी पुण्य तिथि पर भजन संध्या

a1a2अजमेर. स्वर्गीय सैयद आज़म हुसैन की दूसरी पुण्य तिथि पर अकबरी किले
में पृथ्वीराज फाउंडेशन के तत्वावधान में एक भजन संध्या का आयोजन किया
गया. मुख्य वक्ता आर्य समाज के आचार्य सोमदेव के उद्बोधन और संस्कृति द
स्कूल के संगीत विभाध्यक्ष डॉ . रजनीश चारण ने धार्मिक और सूफियाना
नग्मे सुना कर मौके को पूरी गंभीरता प्रदान की .
श्रद्धांजलि कार्यक्रम की शुरुआत अजमेर के राजकीय संग्रहालय के पूर्व
संग्रहालयाध्यक्ष स्वर्गीय आज़म हुसैन के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पण से
हुई. इसके बाद आचार्य सोमदेव ने आज़म के साथ एक निजी कार्यक्रम में हुई
मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा कि किसी भी धर्म या मज़हब की शिक्षा में
प्रेम और भाई चारा को ही महत्त्व दिया गया है. कहीं भी नफरत को कोई
स्थान नहीं है. आज इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम में यह बात परिलक्षित होती
है. आज़म हुसैन के सद्कार्यों का ही यह परिणाम है कि इतने लोग यहाँ जुड़े.
हम उनके जैसे बनें यही कार्यक्रम की सार्थकता है.
डॉ रजनीश ने भजन संध्या की शुरुआत ओंकार गायन से की. इसके बाद अल्लाह
तेरो नाम.… लब पे आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी…हे गोविन्द हे गोपाल
…समर्पित की. डॉ रजनीश ने इस मौके पर उन्होंने एक स्वरचित कविता …ऐसे थे
हमारे आज़म साहब…भी प्रस्तुत की. भजन जब प्राण तन से निकले के माध्यम से
उन्होंने आज़म की ख्वाहिश …जब रूह जिस्म से निकले …भी श्रोताओं के सामने
रखी. कार्यक्रम का समापन उन्होंने चिट्ठी न कोई सन्देश जाने वो कौन सा
देश जहां तुम चले गए… गा कर माहौल ग़मगीन बना दिया. कार्यक्रम में बड़ी
संख्या में शहर के प्रबुद्ध नागरिक मौजूद थे. कार्यक्रम का सञ्चालन डॉ
पूनम पाण्डे ने किया.
आज़म की स्मृति में क्विज़ अगले हफ्ते
सैयद आज़म हुसैन की स्मृति में अजमेर के इतिहास पर आधारित क्विज़ का आयोजन
अगले हफ्ते किया जाएगा. पृथ्वीराज फाउंडेशन के ऋषिराज सिंह ने बताया कि
सैयद आज़म हुसैन मेमोरियल क्विज़ के लिए शहर के सभी स्कूलों को एंट्री के
लिए प्रपत्र एक दो दिन में भेजा जाएगा.

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