तीन दिवसीय रक्तदान षिविर में 1575 से अधिक ने किया रक्तदान

DSC_0689DSC_0901अजमेर 2 अगस्त- निकटवृती गांव राजगढ़ स्थित श्री मसाणिया भैरव धाम राजगढ़ पर गुरूपूर्णिमा महोत्सव के अवसर पर आयोजित तीन दिवसीय स्वैच्छिक रक्तदान षिविर में 1575 से अधिक श्रद्धालुओं ने रक्तदान किया। आज रक्तदान षिविर के अंतिम दिन रविवारीय मेला होने के कारण राजगढ़ मसाणिया भैरव धाम पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। श्रद्धालुओं में रक्तदान के लिए होड़ मच गई। रविवारीय मेला होने के कारण श्रद्धालु शनिवार शाम से ही धाम पर आ गए। रविवार को प्रातः से श्रद्धालुओं की लम्बी कतारें लगने लगी। रक्तदाताओं के उत्साह व भीड़ को देखते हुए रविवार को लगने वाली बाबा भैरव की चौकी से पूर्व ही षिविर को आरम्भ करना पड़ा।

रक्तदान – महादान
दान ही करना है तो करें रक्तदान: चम्पालाल महाराज
राजगढ़ मसाणिया भैरव धाम पर आयोजित तीन दिवसीय रक्तदान षिविर व रविवारीय मेले के सुअवसर पर आए हुए श्रद्धालुओं व अतिथियों को गुरूदेव श्री चम्पालालजी महाराज ने आषीर्वचन में रक्तदान को महादान, प्राणदान बताया और कहा कि ‘रक्तदान करें – जीवन दान करें, आओ हम सब मिलकर यह पुण्य काम करें।’ हमारी संस्कृति में दान की महिमा में एकलव्य का अंगूठादान, कर्ण का कवच-कुंडलों का दान, दधीचि का अस्थिदान विख्यात है। इन दानों से तो मानव की कुछ निज इच्छाओं की ही पूर्ति हुई थी। किसी भी दान में प्रयुक्त सम्पत्तियाँ तो मानव निर्मित होती है लेकिन रक्त तो ईष्वरीय देन व वरदान है जो समस्त व्यक्तियों के पास होता है। इस ईष्वरीय देन की मानव समाज व राष्ट्र के उत्थान में उपयोगिता का महत्व हमें तब होता है जब कोई हमारा अपना अचानक दुर्घटना या बीमारी का षिकार होकर खून के लिए जिंदगी और मौत के बीच जूझता है। किसी अनाथ, निसहाय, रक्त कैंसर/थैलेसीमिया रोग या दुर्घटना से पीड़ित, देष सेवा में लगे सैनिकों के लिए रक्तदान कर उन्हें जीवन उपहार में दिया जा सकता है। रक्तदान में न लेने वाले को पता न देने वाले को पता होता है कि मैं किसे रक्त दे रहा हूँ या मैं किससे रक्त प्राप्त कर रहा हूँ। हमारे द्वारा किया गया रक्तदान कई जिंदगियों को बचाता है। अन्य वस्तुओं को दान करने के लिए कोई सक्षम हो सकता है तो कोई नहीं लेकिन रक्त तो ईष्वरीय वरदान है जो हर व्यक्ति के पास है। इसलिए हमें रक्तदान के विषय में समाज में फैली भ्रान्तियों को दूर कर उसके निराकरण करने, सभी को जागरूक कर इस पुनीत कार्य में अपना सहयोग प्रदान करने का संकल्प लेना चाहिए।

रक्तदाताओं को किया सम्बोधित
राजगढ़ मसाणिया भैरव धाम पर आयोजित तीन दिवसीय रक्तदान षिविर के अंतिम दिन अनीता भदेल महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री ने रक्तदान करने आए श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि राजनीतिक या सामाजिक दलों द्वारा समय-समय पर रक्तदान षिविर का आयोजन किया जाता है लेकिन ऐसे षिविरों में रक्तदाताओं की संख्या 200 के आसपास ही होती है लेकिन राजगढ़ धाम में इस तीन दिवसीय रक्तदान षिविर में प्रत्येक दिन देष के हर भाग से सैंकड़ों की संख्या में श्रद्धालु स्वैच्छा से आकर रक्तदान कर रहे हैं वह अचंभित करने वाला विषय है। अतिरिक्त पुलिस कमिष्नर जयपुर महेन्द्र सिंह चौधरी ने षिविर मंे उपस्थित सभी श्रद्धालु रक्तदाताओं को अपने उद्बोधन में कहा कि यह मसाणिया धाम आस्था व विष्वास का महासागर है। हमने राहत षिविरों, राषन की दुकानों पर लाईन लगी हुई तो बहुत देखी है लेकिन स्वैच्छिक रक्तदान हेतु उत्साहित श्रद्धालुओं को राजगढ़ धाम पर कतारबद्ध देखना अद्भुत है। चित्तौड़ व प्रतापगढ़ डेयरी अध्यक्ष बद्रीलाल जाट ने कहा कि मैं पिछले कई अर्से से इस धाम से जुड़ा हुआ हूँ और आज इस विषाल रक्तदान षिविर के आयोजन में आकर गौरवान्वित हूँ तथा गुरूदेव श्री के शुभाषिर्वाद से जो सफल आयोजन हुआ है जिसमें समस्त भैरव भक्त मण्डल धन्यवाद के पात्र है।

अतिरिक्त पुलिस कमिष्नर, जयपुर ने सपरिवार किया रक्तदान
रक्तदान षिविर में महेन्द्र चौधरी अतिरिक्त पुलिस कमिष्नर जयपुर का सपरिवार रक्तदान करना धाम पर उपस्थित सभी श्रद्धालुओं, षिविर में प्रषासनिक कर्मचारियों व ब्लड बैंक चिकित्सा दलों में चर्चा का विषय व प्रेरणा का स़्त्रोत रहा।

इन्होंने ने भी किया रक्तदान
चित्तौड़ व प्रतापगढ़ डेयरी अध्यक्ष बद्रीलाल जाट व हरिप्रसाद सोमानी पुलिस उपाधीक्षक ने भी राजगढ़ मसाणिया भैरव धाम में आयोजित तीन दिवसीय स्वैच्छिक रक्तदान षिविर के अंतिम दिन रक्तदान किया।

भण्ड़ारे का आयोजन
तीन दिवसीय स्वैच्छिक रक्तदान षिविर में लगातार तीसरे दिन भी देष-प्रदेष से आए हुए हजारों श्रद्धालुओं के लिए धाम पर भण्डारे का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम मे ये रहे मौजूद
रक्तदान षिविर में अनीता भदेल महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री, सतीष पुनिया, भाजपा प्रदेष महामंत्री, महेन्द्र सिंह चौधरी अतिरिक्त पुलिस कमिष्नर जयपुर, पूर्व षिक्षा राज्यमंत्री नसीम अख्तर इंसाफ, कैलाष चौधरी विधायक, बद्रीलाल जाट डेयरी अध्यक्ष प्रतापगढ़ व चित्तौड़गढ़, जिला प्रमुख वंदना नोगिया, जयप्रकाष नारायण उपखण्ड अधिकारी नसीराबाद, द्रौपदी देवी, विधायक पीलीबंगा, लीला देवी जाट जिला प्रमुख चित्तौड़, हरिप्रसाद सोमानी पुलिस उपाधिक्षक नसीराबाद, सम्पत सांखला पार्षद, श्रवण टोनी पार्षद, सदर थानाधिकारी नसीराबाद रामचन्द्र चौधरी, राजगढ़ धाम पुलिस चौकी प्रभारी भौम सिंह, राजगढ़ सरपंच रामदेव सिंह रावत, सहित कई गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

रक्तदान के लिए संसाधन पड़े कम
आज तीन दिवसीय रक्तदान षिविर के अंतिम दिन रविवारीय मेला होने के कारण भैरव भक्त भारी संख्या में उमड़ पड़े। श्रद्धालुओं में रक्तदान करने की होड़ मच गई। श्रद्धालु रक्तदान के लिए घंटों तक पंक्तियों में खड़े रहकर अपनी बारी का इंतजार करते रहे। रक्तदाताओं की संख्या ज्यादा होने के कारण ब्लड बैंक की चिकित्सा दलों के पास रक्त संग्रह करने के संसाधन कम पड़ गए व रक्त संग्रह करने में काफी परेषानी हुई।

हजारांे ने लिया हर तरह का नषा मुक्ति का संकल्प
आज रविवारीय मेले व स्वैच्छिक रक्तदान षिविर के अंतिम दिन देष-प्रदेष से आए हुए हजारों श्रद्धालुओं को आषीर्वाद देते हुए गुरूदेव श्री चम्पालाल जी महाराज ने कहा कि नषा नाष का कारण है, नषा अपराध की जड़ है एवं नषा अपराध की जड़ है, नषे से परिवार बिगड़ता है नषे से राष्ट्र बिगड़ता है । स्वस्थ समाज निर्माण हेतु व्यक्ति में स्वस्थ विचारों का होना आवश्यक है। जब समाज या व्यक्ति व्यसनी या नशाखोर हो जाता है तो सर्वप्रथम मनुष्य की वैचारिक शक्ति को नष्ट करता है। नशामुक्त व्यक्ति ही सच्चे अर्थ में सुखी, स्वस्थ व समृद्ध रह सकता है जो समाजहित या देशहित हेतु अग्रसर हो सकता है। महाराज ने कहा कि आज के इस कलियुग मे मनुष्य जब तलक पूर्णतया नषे का त्याग नही करेगा हमारा राष्ट्र खुषहाल और समृद्व नही होगा हमारे राष्ट्र और परिवार की खुषहाली की पहचान नषा मुक्त हो हर इंसान। आज समाज में हो रहे अपराधों व दुर्घटनाओं की वृद्धि में किसी न किसी प्रकार के नषे का सेवन ही प्रमुख कारण है। आज की युवा पीढ़ी जिस प्रकार नषे की गुलाम हो रही है उसके परिणामस्वरूप समाज व देष का भविष्य अंधकारमय है व आज की युवापीढ़ी को नषे से मुक्ति दिलवाना राजगढ़ मसाणिया धाम का प्रमुख उद्देष्य है। चम्पालाल महाराज ने आए हुए श्रद्धालुओं को बताया कि इस धाम पर पिछले कई वर्षों से नषामुक्ति महाअभियान चलाया जा रहा है जिससे प्रेरणा पाकर लाखों श्रद्धालुओं ने स्वेच्छा से अपने नषे का त्याग किया है। गुरूदेव चम्पालाल महाराज की प्रेरणा पाकर लगभग 3000 श्रद्धालुओं ने स्वेच्छा से नषे का त्याग किया जिसमें श्रद्वालुओ ने बीड़़ी, सिगरेट, गुटका, षराब, चोरी, अपराध आदि सभी प्रकार के नषे का स्वैच्छा से बाबा के चरणो में त्याग किया। धाम पर हुए नषा मुक्ति अभियान में कई महिलाओं ने भी स्वैच्छा से बढ़-चढ़कर नषामुक्ति का संकल्प लिया।

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