राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय के बाॅयोटेक्नालाॅजी विभाग के सहायक प्राध्यापक के पद पर कार्यरत है डाॅ. जयकान्त यादव
बांदरसिंदरी / अजमेर(कलसी)। राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय के बाॅयोटेक्नालाॅजी विभाग के सहायक प्राध्यापक डाॅ. जयकान्त यादव ने राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली में हाल ही में सात दिवसीय ‘‘इन-रेजीडेन्स प्रोग्राम फाॅर इन्स्पायर्ड टीचर्स’’ में भाग लिया। देश के विभिन्न केंद्रीय विश्वविद्यालयों के 31 इन्सपायर्ड टीचर्स इस कार्यक्रम का हिस्सा बने। यह कार्यक्रम राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा फरवरी में कुलपतियों के वार्षिक सम्मेलन के दौरान घोषित किया गया था। इस कार्यक्रम के दौरान सभी इन्स्पायर्ड टीचर्स को ना सिर्फ भारत के राष्ट्रपति, मानव संसाधन विकास मंत्री, एनआईटीआई आयोग के उपाध्यक्ष व विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के उपाध्यक्ष से बातचीत करने का मौका मिला बल्कि अमिटी विश्वविद्यालय व शिव नादर विश्वविद्यालय का दौरा करने का भी अवसर प्राप्त हुआ। इस कार्यक्रम में इंटेल, माइक्रोसाफ्ट, आईबीएम, फिक्की, सीआईआई और एसोसिएट चैम्बर्स आॅफ कामर्स आॅफ इंडिया के शिक्षा विभागों द्वारा इंटरैक्टिव कार्यशाला का भी आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इन्सपायर्ड टीचर्स को संबोधित करते हुए कहा कि एक शिक्षक मूल्य उन्मुख, मिशन से जुड़ा हुआ, खुद को प्रेरित करते हुए सकारात्मक ढंग से पर्यावरण को प्रभावित करने की दिशा में काम करने वाला और परिणाम उन्मुख व्यक्ति होना चाहिए जो विद्यार्थियों को भी अपनी क्षमता अनुसार सफलता हासिल करने के लिए प्रेरित कर सके। एक इन्सपायर्ड टीचर विद्यार्थियों के व्यक्तिगत लक्ष्यों को सामाजिक और राष्ट्रीय लक्ष्यों के साथ जोड़ने में मददगार साबित होता है।
उन्होंने ग्रीक लेखक और दार्शनिक, निकोस कज़ांत-ज़ाकिस के कथन का उदाहरण देते हुए कहा कि ‘‘सच्चे शिक्षक वही हैं जो स्वयं एक पुल बनकर छात्रों को उसे पार करने का अवसर देते हैं और उसी पुल का आनन्द लेते हुए उन्हें स्वयं का पुल बनाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।’’
राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने आगे कहा कि उच्च शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षण और सीखने की गुणवत्ता सबसे बड़ी चुनौती है। शिक्षकों के ज्ञान और कौशल के स्तर में सुधार किये बिना देश में शिक्षा के स्तर में सुधार करना संभव नहीं है। भारत को आज कई और अधिक सक्षम शिक्षकों की जरूरत है जो शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए खुद को समर्पित करने को तैयार हों।
विश्वविद्यालय से ‘‘इन-रेजीडेन्स प्रोग्राम फाॅर इन्स्पायर्ड टीचर्स’ में भाग लेकर आए बाॅयोटेक्नालाॅजी विभाग के सहायक प्राध्यापक डाॅ. जयकान्त यादव ने कहा कि इस तरह के आयोजन निश्चित रूप से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षक व शिक्षा के स्तर को सुधारने में मददगार साबित होंगे।
इस तरह के कार्यक्रम व कार्यशाला लेखकों, कलाकारों, ग्रास रूट इन्नोवेटर्स व एनआईटी विद्यार्थियों के लिए भी आयोजित किये जाते रहे हैं।
सुमित कलसी
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