जान जोखिम में डालकर लो फ्लॉर बसो में यात्रा करने को मजबूर है श्रद्धालु यात्री

IMG-20150817-WA0038दोस्तों यदि आपको आधे घंटे के सफ़र में मौत को नजदीक से देखना हो या जीते जी मौत के मुंह में जाने का अनुभव करना हो तो एक बार पुष्कर और अजमेर के बीच चलने वाली लो फ्लॉर बसो में यात्रा जरूर करें । जी हाँ यह मजाक नहीं बल्कि हकीकत है । केवल मात्र ढाई साल पहले तत्कालीन केंद्रीय राज्य मंत्री सचिन पायलेट के प्रयासों से जवाहर लाल नेहरू अरबन मिशन के तहत पुष्कर आने वाले श्रद्धालु भक्तो की सुविधा के लिए शुरू की गई लो फ्लॉर बसे ना सिर्फ इतनी कम अवधि में दम तोड़ चुकी है बल्कि खुलेआम हादसों को निमंत्रण देती हुई चल रही है ।

इस रुट पर चलने वाली ज्यादातर बसो की हालात इतनी ज्यादा बदतर हो चुकी है की वो कभी भी बीच सफ़र में बिखर कर टुकड़े टुकड़े हो सकती है । सफ़र के दौरान इन बसो के हर एक पुर्जे अपनी दुर्दशा का अहसास खुद करवाते है तो समूची बस ही इधर उधर झूलते हुए श्रद्धालुओं में ख़ौफ़ पैदा कर रही है । खास बात यह है की स्थिति तब और विकट हो जाती है जब यह बसे मुसाफिरों से ओवर लोड भरी हुई हो । तब तो भगवान् ही मालिक है उन मुसाफिरों के । मेरा दावा है आधे घण्टे के इस सफ़र में यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं को मौत की आहट साफ़ सुनाई देती है । हर कोई भगवान् का नाम जपकर ही अपने आपको सुरक्षित होने की तसल्ली देता है ।

सवाल यह है की आखिर इतनी कंडम हालत होने के बावजूद राजस्थान सरकार और परिवहन विभाग पुष्कर जैसे मार्ग पर क्यों इन बसो को चला रहा है । क्यों जान बूझकर श्रद्धालु यात्रियों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है । क्यों यहां आने वाले विदेशी सैलानियो के सामने पुष्कर जैसे अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थल की छवि खराब की जा रही है । मेरा परिवहन विभाग के मंत्री युनुस खान और आला अधिकारियो से आग्रह है की एक बार इन बसों में सफ़र करने वाले मुसाफिरों से उनका अनुभव जरूर साझा करे या फिर हिम्मत जुटाकर भगवान् का नाम लेकर एक बार पुष्कर से अजमेर तक आम मुसाफिर की तरह इसमें यात्रा करें तभी आपको सच्चाई का अहसास हो पायेगा ।
ऐसा नहीं है की आला अधिकारियो को इस हकीकत का पता नहीं है लेकिन इसके बावजूद मौत से साक्षात्कार करवाती बसो का सफ़र जारी है । हो सकता है प्रशासन इस बार भी किसी बड़े हादसे के होने का इन्तजार कर रहा है ताकि बाद में मरने वालो को मुवावजा बांटकर अपनी पीठ थपथपा सके । दोस्तों फिलहाल श्रद्धालु तीर्थ यात्रियों द्वारा जान जोखिम में डालकर मौत का सफ़र जारी है और हमारी सरकार हमेशा की तरह आँखों पर पट्टी बांधकर शायद हादसे का इन्तजार करने में लगी है ।

अनिल पाराशर
प्रधान संपादक
बदलता पुष्कर

1 thought on “जान जोखिम में डालकर लो फ्लॉर बसो में यात्रा करने को मजबूर है श्रद्धालु यात्री”

  1. Aap lo flor bus ki bat kar rahe hai is samay kawad yatra or bad mai baba ramdev ji par jane wale padel yatrio ke liye pusker gathi mai kahi bhi road light nahi jal rahi hai kitni sharam ki bat hai.

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