झूलेलाल चालीहो समापन पर अनासागर जेटी किनारे दीपदान

jhulelalअजमेर – सनातन धर्म ही हमारी पहचान है पूजा अर्चना के साथ नित माता पिता की सेवा करें ऐसे आर्षीवचन सिन्धु समिति की ओर से इच्छापूर्ण झूलेलाल मन्दिर, चांद बावडी के सहयोग से आयोजित झूलेलाल चालीहो उत्सव के समापन अवसर पर अनासागर जेटी पर धार्मिक आयोजन में ईष्वर मनोहर उदासीन आश्रम के गौतम सांई, स्वामी ईसरादास जी, सन्त कवंरराम कॉलोनी, निर्मलधाम के स्वामी आत्मदास जी, श्रीराम दरबार की दादी मोहिनी देवी, स्वामी बंसतराम प्रेम प्रकाष आश्रम देहली गेट के सांई ओमलाल, सन्त हरिदास राम कुटिया के देवीदास दीवाना, जतोई दरबार के भाई फतनदास जी ने कहे। सन्तो द्वारा इष्टदेव झूलेलालजी की पंचमहाजोत प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का षुभांरभ किया गया।
संगीत का कार्यक्रम मषहूर कलाकार घनष्याम भग्त, लाल खूबचंदाणी, धर्मदास भग्त, ललित भग्त, ढोलण षर्मा, अषोक सोनी, पन्नालाल तेजावत, श्रीमति लता ठारवाणी ने अपने कलाकारों के साथ झूलेलाल साहिब के पंझडो व गीतों सबको झूमाकर छेज के साथ माहौल को आनंदमयी बनाया।
प्रचार सचिव जयकिषन हिरवाणी ने बताया कि समारोह में अजमेर के प्रमुख झूलेलाल मन्दिरों से बहिराणा साहिब की सवारी सजाकर पूजा अर्चना की गई जिसमें पूज्य लाल साहिब मन्दिर, नसरपुर दरबार, इच्छापूर्ण झूलेलाल मन्दिर, श्री झूलेलाल मन्दिर, अजयनगर, पूज्य उद्ेरोलाल मन्दिर, आषा गंज, श्री झूलेलाल मन्दिर, सिन्धुवाडी, श्री झूलेलाल मन्दिर (साओ बहिराणो) श्री झूलेलाल मन्दिर, चौरसियावास रोड, पूज्य सिन्धी पंचायत, सिन्धु भवन पंचषील नगर व पूज्य झूलेलाल मन्दिर, जे.पी.नगर सेक्टर 1 सम्मिलित थे। पण्डित रमेष षर्मा ने पूजा अर्चना करवाई। समिति अध्यक्ष भगवान साधवाणी ने स्वागत व जयकिषन लख्याणी ने आभार प्रकट किया। मंच का संचालन सचिव महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने किया।
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मन्दिर के बाबा बाली भैरवाणी, खेमचन्द नारवाणी सेवाधारी गोविन्दराम, मोतीराम, ईष्वर पारवाणी व समिति के उपाध्यक्ष अजीत पमनाणी, हरीष केवलरामाणी, अषोक तेजवाणी, नरेन्द्र बसराणी, किषन केवलाणी, महेष टेकचंदाणी, कवंलप्रकाष किषनाणी, पार्षद मोहनलाल लालवाणी के साथ नेवंदराम बसरमलाणी, प्रकाष जेठरा, नवलराय बच्चाणी, राधाकिषन आहूजा, नरेष रावलाणी, दीदी पुष्पा साधवाणी, जय मंघाणी, मोहन तुलस्यिाणी सहित सभी झूलेलाल मन्दिरों के सेवाधारी उपस्थित थे।
कार्यक्रम में अनासागर दरियाह किनारे पर दीपकों से दीपदान व महाआरती के साथ आम भंण्डारें का आयोजन किया गया । महिला सेवाधारियों ने भी सेवा देकर भण्डारे को सफल बनाया। झूलेलाल चालीहो का उत्सव 16 जुलाई से प्रारम्भ किया गया एवं निरंतर 40 दिन षहर की विभिन्न कॉलोनियों में बहिराणा साहिब व भजन मण्डली की निःषल्क सेवायें दी गई जिससे युवा पीढी को सनातन संस्कृति के साथ गीत संगीत की षिक्षा भी मिल सके।

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