पण्डित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती मनाई गयी

भाजपा के प्रेरणा पुरुष एवं जनसंघ के संस्थापक पण्डित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती मनाई गयी
अन्तिम छोर पर बैठे व्यक्ति का उत्थान यहीं था पण्डित दीनदयाल जी का एकात्म मानववाद दर्शन

IMG_20150925_180656IMG_20150925_181019_1अजमेर 25 सितम्बर। भारतीय जनता पार्टी, शहर जिला अजमेर द्वारा भाजपा के प्रेरणा पुरुष एवं जनसंघ के संस्थापक पण्डित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती आज शाम 5.30 बजे स्थानीय इंडोर स्टेडियम मे मनाई गई।
शहर जिला प्रचार मंत्री शरद गोयल ने बताया की कार्यक्रम में कृषि मंत्री श्री प्रभुलाल सैनी ने सर्वप्रथम पण्डित जी एवं भारत माता के चित्र पर माल्यापर्ण कर श्रद्धाजंली अर्पित की। पण्डित जी की जयन्ति के अवसर पर बोलते हुए श्री सैनी ने कहा कि हम सभी कार्यकर्ताओं को पण्डित जी के जीवन से प्रेरणा लेते हुए संगठन के हित में कार्य करते रहते चाहिए। मैं और अहम् भाव का छोड़कर सभी को साथ लेते हुए दृढ़ निश्चिय के साथ संगठन को मजबुत बनाते हुए राष्ट्र निर्माण का कार्य करना चाहिए। पण्डित जी का जीवन दर्शन भाजपा के समस्त कार्यकर्ताओं के लिये प्रेरणा स्त्रोत है। हमें उन्हीं के आदर्शो पर चलना चाहिए। उनके जीवन का लक्ष्य अन्तिम छोर पर बैठे व्यक्ति का उत्थान करते हुए सम्पूर्ण समाज का उदय करना था, यहीं पण्डित दीनदयाल जी का एकात्म मानववाद दर्शन था।
मुख्य वक्ता के रूप मे बोलते हुए प्रदेश कार्यसमिति सदस्य व पूर्व संसद प्रो. रासासिंह रावत ने दीनदयाल जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा की पण्डित दीनदयाल उपाध्याय महान चिन्तक और संगठनकर्ता थे। उन्होंने भारत की सनातन विचारधारा को युगानुकूल रूप में प्रस्तुत करते हुए देश को एकात्म मानववाद जैसी प्रगतिशील विचारधारा दी। राजनीति के अतिरिक्त साहित्य में भी उनकी गहरी अभिरुचि थी। उनके हिंदी और अंग्रेजी के लेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते थे। केवल एक बैठक में ही उन्होंने चन्द्रगुप्त नाटक लिख डाला था। राष्ट्रधर्म, पाञ्चजन्य और स्वदेश जैसी पत्र-पत्रिकाएँ प्रारम्भ की।
शहर जिला अध्यक्ष श्री अरविन्द यादव ने पण्डितजी के जीवन के कुछ महत्वपूर्ण घटनाक्रम के बारे में बोलते हुए कहा की उपाध्यायजी नितान्त सरल और सौम्य स्वभाव के व्यक्ति थे। उपाध्यायजी पत्रकार तो थे ही साथ ही चिन्तक और लेखक भी थे। उनकी असामयिक मृत्यु से एक बात तो स्पष्ट हो जाती है कि जिस धारा में वह भारतीय राजनीति को ले जाना चाहते थे, वह धारा सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की थी, जिसका संकेत उन्होंने अपनी कुछ कृतियों में ही दे दिया था। तभी तो कालीकट अधिवेशन के बाद विश्व भर के मीडिया का ध्यान उनकी ओर गया। उनकी कुछ प्रमुख कृतियों में राजनीतिक डायरी , भारतीय अर्थनीति का अवमूल्यन, सम्राट चन्द्रगुप्त , जगद्गुरु शंकराचार्य और एकात्म मानववाद आदि थी जो की राष्ट्रीय विचारधारा की क्रांति के रूप मे जानी जाती है।प्ण्डितजी की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए प्रदेश कार्यसमिति सदस्य श्री शिवशंकर हेडा ने बताया कि पण्डित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म 25 सितम्बर 1916 को मथुरा जिले के छोटे से गाँव नगला चन्द्रभान में हुआ था। इनके पिता का नाम भगवती प्रसाद उपाध्याय था। माता रामप्यारी धार्मिक वृत्ति की थीं। 3 वर्ष की मासूम उम्र में दीनदयाल पिता के प्यार से वंचित हो गये। माँ रामप्यारी 8 अगस्त 1924 को उनको अकेला छोड़ ईश्वर को प्यारी हो गयीं। 7 वर्ष की कोमल अवस्था में दीनदयाल माता-पिता के प्यार से वंचित हो गये। विषम परिस्थितियों में जीवनयापन करते हुए उपाध्याय जी ने पिलानी, आगरा तथा प्रयाग में शिक्षा प्राप्त की। मैट्रिक और इण्टरमीडिएट-दोनों ही परीक्षाओं में गोल्ड मैडल प्राप्त किया एवं सिविल सेवा परीक्षा में भी उतीर्ण हुए लेकिन नौकरी ज्वाइन नहीं कि। छात्र जीवन से ही वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सक्रिय कार्यकर्ता हो गये थे। 1937 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े व 1942 से पूरी तरह राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के लिये काम करना शुरू किया। अत काॅलेज छोड़ने के तुरन्त बाद वे प्रचारक बना दिये गये और एकनिष्ठ भाव से का संगठन कार्य करने लगे। सन 1951 में अखिल भारतीय जनसंघ का निर्माण होने पर वे उसके मन्त्री बनाये गये। दो वर्ष बाद सन् 1953 में उपाध्यायजी अखिल भारतीय जनसंघ के महामन्त्री निर्वाचित हुए और लगभग 15 वर्ष तक इस पद पर रहकर उन्होंने अमूल्य सेवा की। कालीकट अधिवेशन (दिसम्बर 1967) में वे अखिल भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष निर्वाचित हुए। 11 फरवरी 1968 की रात में रेलयात्रा के दौरान मुगलसराय के आसपास उनकी हत्या कर दी गया।
कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद शहर जिला महामंत्री श्री रमेश सोनी ने किया। इस अवसर पर महापौर श्री धर्मेन्द्र गहलोत, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सोमरत्न आर्य, विकास सोनगरा, प्रचार मंत्री शरद गोयल, कोषाध्यक्ष संजय अरोड़ा, जिला मंत्री दिपेन्द्र लालवानी, नरपत सिंह, मोहन राजोरिया, रविन्द्र जसोरिया, अमृत नहारिया, विनोद कंवर, रश्मि शर्मा, मण्डल अध्यक्ष सोहन शर्मा, योगेश शर्मा, राजकुमार लालवानी, युवा मोर्चा अध्यक्ष विनित पारीक सहित तुलसी सोनी, जे.के. गौड़, अशोक शर्मा, रंजन शर्मा, गोपाल बंजारा एवं पार्षद भागीरथ जोशी, जे.के. शर्मा, धर्मपाल जाटव, विरेन्द्र वालिया, कुन्दन वैष्णव, धर्मेन्द्र शर्मा, ज्ञान सारस्वत, भावानी जैदिया, प्रकाश मेहरा, वन्दना नरवाल, मोहन लालवानी आदि उपस्थित थे।
शरद गोयल 9414002132
जिला प्रचार मंत्री
भाजपा शहर जिला अजमेर

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