अन्तर्राष्ट्रीय पुष्कर पशु मेले में बढ़ने लगी चहल-पहल

awअजमेर 20 नवम्बर। अन्तर्राष्ट्रीय पुष्कर पश्ुा मेले में स्थानीय तथा विदेशी पर्यटकों के साथ-साथ एवं पशु पालकों की अवाजाही बढ़ने से मेले में रौनक आनी शुरू हो गई है।
पुष्कर मेले में विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ने के साथ ही हर तरफ कैमरे का शटर खोले विदेशी मेहमान नजर आने लगे है। वे ग्रामीणों और पशु पालकों की जीवन संस्कृति को नजदीक से रूबरू करके अपने कैमरे में कैद करने के लिए आतुर है। उनके द्वारा हर भंगिमा को ध्यान से देखकर अपने गाईड से अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए लालायित नजर आ रहे है। मेले में पशु पालकों द्वारा घोड़े दौड़ाने तथा ऊंटों को भ्रमण कराने से मेहमान रोमांचित हो रहे है।
परम्परागत रंग बिरंगे वस्त्रों में सजी-धजी ग्रामीण संस्कृति मेले में सजीव हो रही है। यत्रा-तत्रा अपने खेमों में धोती, अंगरकी तथा पगड़ी के साथ बैठे ग्रामीण पशुओं के मोल-भाव तथा गांव ले जाने वाले सामान के बारे में बातचीत करते नजर आ रहे है। पशु पालकों द्वारा चुल्हें तथा मिट्टी के तवे पर बाजरे की रोटी बनाना विदेशी मेहमानों को रूककर देखने के लिए मजबूर कर देता है।
मेले के रेतीले धोरों पर घोड़ों और ऊंटो ंकी सरपट दौड़ नजर आने लगी है। पशु पालक अपने पशु को प्रशिक्षित करने तथा फेरा दिलाने के लिए सुबह शाम उनकी दौड़ लगाते है। गौ-धूली बैला पर खुरों और तलुवों के द्वारा उड़ाए गए गुब्बार से सहज ही मेले की रौनक दिखने लग जाती है।
पुष्कर सरोवर में पवित्रा स्नान के साथ श्रृद्धालू धार्मिकता से परिपूर्ण होकर देवताओं की स्तुति करते नजर आ रहे है। सतयुग के समय से चली आ रही परम्परागत श्रृद्धा संस्कृति के सनातन होने का परिचय देती है। ब्रह्मा मन्दिर में पूजन के लिए श्रृद्धालूओं का तांता लगना शुरू हो गया है। आरती के समय श्रृद्धालू सरोवर तथा ब्रह्मा मन्दिर में दर्शन लाभ प्राप्त कर स्वयं को धन्य समझ रहे है।
सतौलिया रहा स्थानीय टीम के नाम
अजमेर 20 नवम्बर। अन्तर्राष्ट्रीय पुष्कर पशु मेले के दूसरे दिन आयोजित हुए परम्परागत खेल सतौलिया में स्थानीय दल विजयी रहा। उन्होंने विदेशी मेहमानों के दल को 0-2 से शिकस्त दी। विजेता दल को मेला मजिस्ट्रेट श्री हीरालाल मीणा द्वारा सम्मानित किया गया। इसी प्रकार परम्परागत खेल प्रतियोगिता लंगड़ी टांग का शुक्रवार को पुष्कर पशु मेले में आयोजन हुआ। प्रतियोगिता में भावना धवन प्रथम, श्वेता चन्दावत द्वितीय तथा इंगलैण्ड की सासा तृतीय स्थान पर रही।
पुष्कर मेले में आयोजित ऊष्ट्र श्रृंगार प्रतियोगिता मे झाड़ोप, डीडवाना, नागौर के ऊष्ट्रपालक प्रभुसिंह पुत्रा किशन सिंह के केटरीना नामक ऊष्ट्र ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। द्वितीय स्थान संवदड़ा, सीकर के विजेन्द्र पुत्रा गणपत सिंह तथा तृतीय स्थान पर सांवतड़ी, झुंझुनूं के महेन्द्र पुत्रा रघुवीर सिंह रहे। ऊष्ट्र नृत्य प्रतियोगिता में झाड़ोल के प्रभु सिंह पुत्रा किशन सिंह का ऊष्ट्र केटरीना प्रथम स्थान पर रहा। द्वितीय स्थान पर चैलूका नागौर के दानाराम पुत्रा पैमाराम तथा तृतीय स्थान पर सेंदड़ा के विजेन्द्र पुत्रा गणपत सिंह का ऊंट रहा। पशुपालन विभाग द्वारा प्रथम को पांच-पंाच हजार, द्वितीय को तीन-तीन हजार तथा तृतीय को दो-दो हजार रूपए का नगद पारितौषिक दिया गया। प्रतियोगिता में सत्राह ऊष्ट्रों ने अपने सर्वांग श्रृंगार का प्रदर्शन किया।

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