श्रीमती राजे ने सोमवार को पुष्कर मेला मैदान में चल रहे पशु मेले का अवलोकन किया तथा पशु पालकों से बातचीत की।
श्रीमती राजे सोमवार को प्रातः पुष्कर मेला मैदान पहुंचीं जहां उन्होंने देश के कोने-कोने से आए पशु पालकों से बातचीत कर उनसे पशुओं के रख-रखाव के बारे में भी जानकारी हासिल की। उन्होंने राज्य पशु ऊंटों को देखकर वहां मौजूद ऊंट पालकों से भी बातचीत की तथा ऊंट श्रृंगार को भी मनोयोग से देखा। उन्होंने कहा कि ग्रामीण संस्कृति की अनूठी झलक इन्हीं मेलों में दिखाई पड़ती है।
घोड़ी पदमा को दुलारा
मुख्यमंत्राी को घोड़ी के मालिक श्री चंदेल ने बताया कि लगभग चार साल की पदमा की पुष्कर मेले में डेढ़ करोड़ की कीमत लगाई जा चुकी है परन्तु अब उनका घोड़ी बेचने का इरादा बदल गया है। इस घोड़ी को उन्होंने आगरा के पास लगने वाले बेणेश्वर मेले से लगभग 3 वर्ष पूर्व खरीदा था।
मारवाड़ी हाईब्रीड नस्ल की इस घोड़ी की ऊंचाई 70 इंच है। इस घोड़ी को प्रतिदिन आठ लीटर दूध, चना और अन्य सामग्री खिलाई जाती है। पदमा की देखरेख करने वाले 10 लोगों के साथ इसे गांव से एसी वैन में लेकर 18 नवम्बर को पुष्कर लाया गया था।