पंचायतों को समाज में धर्म संस्कृति की प्रेरणा देनी है-कैलाषचन्द्र

दो दिवसीय राज्य स्तरीय सिन्धी पंचायत (मुखी) सम्मेलन सम्पन्न
jhulelalअजमेर। पूज्य पंचायतों के अध्यक्ष, मुखी व पदाधिकारियों को समाज में धर्म संस्कृति की प्रेरणा देनी है। हम सब विचार मंथन में लगे है, अपने व्यवहार से समाज में विचार देने है, सभी मुखी जो सोचेगें समाज को ऐसी सुदढ दिषा मिलेगी। ऐसे मार्गदर्षन भारतीय सिन्धु सभा की ओर से राज्य स्तारी पूज्य सिन्धी पंचायत (मुखी) सम्मेलन प्रेम प्रकाष आश्रम, पुष्कर में समापन सत्र में मार्गदर्षक कैलाषचन्द जी ने प्रकट किये।सम्पूण समाज को जोडने के लिये परिवार की सदस्यता करनी चाहिये एवं जरूरतमन्द परिवारों को सहयोग के लिए योजना बनायें।
इस अवसर पर स्वामी हृदयाराम जी के षिष्य स्वामी हनुमान भाउ, ईष्वर मनोहर उदासीन आश्रम के महन्त स्वामी स्वरूपदास, श्रीराम दरबार की दादी मोहिनी देवी ने आर्षीवचन देते हुये कहा कि पंच को परमेष्वर मानकर समाज की कुरीतियों को दूर करनी चाहिये। सिन्धु नदी जहां वेदों की रचना हुई ऐसी विरासत को बढाना है।
अध्यक्षता करते हुये प्रदेषाध्यक्ष श्री लेखराज माधू ने कहा कि सभा के कार्यकर्ता पंचायत के अध्यक्षों द्वारा तैयार किये गये कार्यों को मिलकर पूरा करेगी।
कार्यक्रम संयोजक महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने बताया कि सम्मेलन में राज्यभर से 355 प्रतिनिधि सम्मिलित हुये। राष्ट्रीय उपााध्यक्ष नवलराय बच्चाणी ने संगठन की देषव्यापी गतिविधियों पर चर्चा की। प्रदेष उपाध्यक्ष सुरेष कटारिया ने सिन्धु दर्षन यात्रा की विस्तृत जानकारी देते हुये आगामी 23 से 26 जून को 20वीं यात्रा के समय सिन्धु भवन के लोकार्पण की जानकारी दी।
प्रदेष संगठन महामंत्री मोहनलाल वाधवाणी ने अलग अलग सत्रों में समाज उत्थान पर चर्चा पर मुख्य रूप से 21 सूत्रीय बिन्दुओं पर सर्वसम्मति कर समाज को संस्कारों हेतु पुष्कर घोषणा पत्र तैयार किया गया है।
सम्मेलन के ष्षुभारम्भ में ईष्टदेव झूलेलाल, सिन्ध, भारत माता, महाराजा दाहरसेन के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलन से किया गया। आभार जिलाध्यक्ष मोहनलाल आलवाणी(नसीराबाद)ने प्रकट किया। के.जे.ज्ञानी, नारायणदास पारवाणी, सुरेष हिन्दुस्तानी, तुलसी नथराणी ने गीत प्रस्तुत किये। सत्रों का संचालन श्री हीरालाल तोलाणी व महेष टेकचंदाणी ने किया।
अतिथियों को स्वागत सभा के संभाग प्रभारी नरेन्द्र बसराणी, महानगर अध्यक्ष मोहन तुलस्यिाणी, कमलेष षर्मा, नारायण सोनी, भगवनदास, महेष सावलाणी, बालकिषन खत्री, किषन केवलाणी, राजू किषनाणी, वासुदेव मंघाणी, मोहन लालवाणी दौलतराम थदाणी, ईष्वर पारवाणी ने किया।

महिलाओं, युवाओं व बुजुर्गों की समस्याओं को दूर करने के लिये पंचायतों का योगदान विषय पर हुई चर्चा-

तीसरे सत्र में प्रदेष महामंत्री महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने वक्ता के रूप में अपने विचार रखते हुये कहा कि युवाओं को षिक्षा के बाद रोजगार की चिन्ता व एकल परिवार से होने वाली परेषानियों को दूर करना चाहिये एवं कन्याओं को सम्मान व संस्कार देने चाहिये। बुर्जुगों को वृद्धाश्रम की बजाय सम्मान मिलना चाहिये। सह-संगठन मंत्री गोविन्द रामनाणी ने सामूहिक विवाह के आयोजन पर अपने विचार प्रकट करते हयुे इस आज के समय में महती आवष्यकता बताया। जयपुर के चन्द्र वरियाणी, पुरषोतम मंघवाणी, सिरोही के दौलतराम, भीलवाडा के रमेष सबनाणी, उदयपुर सुखराम बालचंदाणी, प्रदेष कोषाध्यक्ष श्री नोतनदास कर्मचंदाणी, अजमेर के प्रकाष जेठरा, नेवंदराम बसरमलाणी ने भी विचार प्रकट किये।

प्रतिनिधियों ने झूलेलाल घाट पर पुष्कर पूजन एवं समापन अवसर पर अजमेर स्थित राष्ट्र रक्षा में बलिदान हुसे सिन्धुपति महाराजा द्ाहरसेन स्मारक पर हिंगलाज माता पूजन के साथ श्रद्धासुमन अर्पित किये।

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