महिलाएं समाज की उन्नति में अहम कड़ी – अनिता भदेल

जवाजा में बेटी,जल,जंगल,जमीन के प्रति सामाजिक जिम्मेदारी विषयक महिला सम्मेलन आयोजित
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महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्राी श्रीमती अनिता भदेल ब्यावर उपखण्ड के जवाजा में आयोजित महिला सम्मेलन में महिला स्वयं सहायता समूह को चैक वितरित करते हुए एवं उपस्थित महिलाएं।
महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्राी श्रीमती अनिता भदेल ब्यावर उपखण्ड के जवाजा में आयोजित महिला सम्मेलन में महिला स्वयं सहायता समूह को चैक वितरित करते हुए एवं उपस्थित महिलाएं।
वर उपखण्ड के जवाजा में आयोजित महिला सम्मेलन के तहत जवाजा की पाल पर लगाई गई  महिला एवं बाल विकास विभाग , चिकित्सा विभाग एवं कृषि विभाग की स्टाॅल्स।
वर उपखण्ड के जवाजा में आयोजित महिला सम्मेलन के तहत जवाजा की पाल पर लगाई गई महिला एवं बाल विकास विभाग , चिकित्सा विभाग एवं कृषि विभाग की स्टाॅल्स।
ब्यावर, 20 मार्च। महिला एवं बाल विकास मंत्राी श्रीमती अनिता भदेल ने कहा कि महिलाएं शक्ति, ममता व समर्पण का स्त्रोत हैं जिसके चलते वे समाज की उन्नति में अहम कड़ी साबित हो रही हैं, यदि महिलाएं स्वयं की क्षमताओं से परिचित होकर कार्य करें तो समाज में नये प्रतिमान स्थापित करने में सक्षम हैं।
श्रीमती भदेल आज उपखण्ड ब्यावर की पंचायत समिति जवाजा में ग्रामीण डवलपमेन्ट सर्विसेज संस्था द्वारा बेटी, जल,जंगल, जमीन के प्रति सामाजिक जिम्मेदारी विषयक महिला सम्मेलन को सम्बोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुन्धरा राजे के नेतृत्व में प्रदेश में महिलाओं के सर्वांगीण विकास व सशक्तिकरण हेतु कार्य किया जा रहा है, इसी क्रम में महिलाओं को प्रदेश सरकार ने पंचायतीराज संस्थाओं में 50 प्रतिशत आरक्षण देकर राजनीतिक क्षेत्रा में नेतृत्व प्रदान किया है, लेकिन कई महिलाएं अपनी राजनीति व प्रशासनिक क्षमता का पूरा उपयोग नहीं करते हुए पुरूषों पर निर्भर रहती हैं जिससे उनकी क्षमता का पूर्ण विकास नहीं हो पाता है।
उन्होंने कहा कि महिला जनप्रतिनिधि अपने राजनीतिक व प्रशासनिक दायित्व का स्वयं निर्वहन करते हुए अपनी क्षमता का विकास करते हुए समस्याओं से जूझते हुए सशक्त बने और स्वतंत्रा निर्णय लेकर सामाजिक विकास में सहभागी बने। साथ ही उन्होंने कहा कि ’’महिला’’ शब्द का पहला अक्षर ममता व दूसरा अक्षर हिम्मत व तीसरा अक्षर लाजवन्ती अथवा शील गुण का परिचायक है इस प्रकार महिला कमजोर नहीं है बल्कि जननी के रूप में सृजनकर्ता है।
श्रीमती भदेल ने कहा कि जवाजा में स्वयं सहायता समूहों एवं विभिन्न महिला संघों द्वारा स्वावलम्बी होकर महिला सशक्तिकरण व आर्थिक स्वालम्बन की अनुकरणीय मिसाल प्रस्तुत की जा रही है। महिला समूहों को प्रोत्साहन देने हेतु सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के माध्यम से ऋण व सबसिडी उपलब्ध करायी जा रही है जिसका उन्हें लाभ उठाना चाहिए। मुद्रा योजना के माध्यम से बिना किसी गारण्टी के 10 लाख रूपये तक के ऋण का प्रावधान है साथ ही महिला समूहों को एकमुश्त 75 हजार रूपये के अनुदान का प्रावधान भी है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण हेतु मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुन्धरा राजे ने भामाशाह योजना प्रारम्भ की है जिसमें परिवार का मुखिया महिला को बनाया गया है, इस योजना के माध्यम से पेंशन समेत अन्य सरकारी लाभ सीधे बैंक खाते के माध्यम से लाभार्थियों को मिल सकेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि यदि महिलाओं को किसी भी क्षेत्रा में परेशानी हो तो वे राजस्थान सम्पर्क पोर्टल के माध्यम से शिकायत कर सकती हैं जिसका समयबद्ध सीमा में निस्तारण किया जा रहा है।
ग्रामीण डवलपमेन्ट सर्विसेज संस्था के श्री बी.एन.तिवारी ने बताया कि संस्था द्वारा बिहार, उत्तरप्रदेश एवं राजस्थान में ग्रामीण आजीविका संवर्द्धन, महिला सशक्तिकरण के लिए विगत 24 वर्षाे से कार्य किया जा रहा है। जवाजा परियोजना क्षेत्रा में 31 ग्रामपंचायतों के 110 गांवों में लगभग 6 हजार परिवारों को संगठित करके 425 महिला स्वयं सहायता समूह, 2 महिला महासंघ एवं महिला स्वामित्व वाली राजस्थान की प्रथम लिमिटेड कम्पनी का गठन भी किया गया है। उन्होंने बताया कि क्षेत्रा में महिला समूहों ने बैंकों से साढे़ 9 करोड़ रूपये का ऋण लेकर समयावधि के भीतर 100 प्रतिशत अदा भी किया है जो उनकी मेहनत व ईमानदारी का परिचायक है।
महिला सम्मेलन को बड़ौदा राजस्थान क्षेत्राीय ग्रामीण बैंक के चैयरमैन के.पी.सिंह ने सम्बोधित करते हुए कहा कि बैंक के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु ऋण सुलभ कराया जा रहा है, साथ ही बैंक ऋण संबंधी योजनाओं की जानकारी मोबाईल वैन के माध्यम से गांव-गांव में जाकर दी जा रही है। इस मौके पर पूर्व जिला प्रमुख श्रीमती सरिता गैना, उजाला महासंघ की अध्यक्ष श्रीमती मिश्रीदेवी रावत, समाजसेवी वनीता जैमन, पर्यावरणविद् श्यामसुन्दर पालीवाल ने भी महिला सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए महिलाओं को सकारात्मक सोच से आगे बढ़ने की बात कही।
इससे पूर्व महिला सम्मेलन आयोजन समिति अध्यक्ष श्रीमती संतोष रावत ने अतिथियों का माल्यार्पण, शाॅल औढ़ाकर व मोमेन्टो देकर स्वागत व अभिन्नदन किया। इसके बाद अतिथियों ने मां सरस्वती की तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम की शुरूआत की। कार्यक्रम में विद्यालयी छात्राओं ने गणेश वन्दना प्रस्तुत की एवं उजाला व सूरज महासंघ की महिला कार्यकर्ताओं ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया।
इस मौके पर प्रधान श्रीमती गायत्राी देवी रावत, सरपंच संघ अध्यक्ष श्रीमती डोली चैहान, निदेशक पीआरजे ज्ञानजय विद्यालय श्रीमती राखी जांगिड़, सीएमएफ जयपुर के मुकेश मेवाड़ा, विभिन्न ग्रामपंचायतों की महिला सरपंच, गणमान्य नागरिक एवं बड़ी संख्या में महिलाएं मौजूद थी।
मगरा लाडली अवार्ड
महिला सम्मेलन के दौरान पर्यावरण व महिला सशक्तिकरण के क्षेत्रा में उल्लेखनीय कार्य करने वाली प्रतिभाओं को महिला महासंघ द्वारा मगरा लाडली अवार्ड देकर सम्मानित किया गया। महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्राी श्रीमती अनिता भदेल व अतिथियों ने सरपंच काछबली श्रीमती गीता देवी को मदिरा निषेध, जोधपुर की सुश्री कृति भारती को बालविवाह रोकथाम, सरपंच तासौल अनुराधा वैष्णव को 600 बीघा जमीन अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए मगरा लाडली अवार्ड देकर सम्मानित किया गया।
मगरा शिरोमणि अवार्ड
महिला सम्मेलन में पूर्व सरपंच पीपलान्त्राी जिला राजसमन्द एवं पर्यावरणविद् श्यामसुन्दर पालीवाल को जलसंरक्षण व संग्रहण के क्षेत्रा में एवं जोधपुर के पर्यावरण पत्राकार मोईनुद्दीन चिश्ती को उल्लेखनीय कार्य के लिए महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्राी श्रीमती अनिता भदेल ने मगरा शिरोमणि अवार्ड देकर सम्मानित किया। इस मौके पर सूरज महिला महासंघ एवं संतोषी मां महिला समूह को चैक का वितरण भी किया गया।
महिला सम्मेलन में स्टाॅल्स
जवाजा के तालाब की पाल पर आयोजित महिला सम्मेलन में महिलाओं को विभिन्न सरकारी योजनाओं, कृषि, पशुपालन व ऋण आदि की जानकारी से संबंधित स्टाॅल्स भी लगाई गई थी जिसके माध्यम से महिलाओं को जागरूक किया गया। महिला एवं बाल विकास विभाग, बड़ौदा राजस्थान ग्रामीण बैंक, कृषि विभाग एवं स्वयं सहायता समूहों द्वारा स्टाॅल्स लगाकर विभिन्न योजनाओं आदि के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी सुलभ कराई गई।

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