बकाया उपार्जित अवकाश के नकदीकरण की राशि ब्याज सहित भुगतान के आदेश

छठे वेतन आयोग का लाभ देते हुये बकाया राशि का भुगतान, वरिष्ठ एवं चयनित वेतनमान का लाभ, ग्रेच्यूटी की राशि एवं बकाया उपार्जित अवकाश के नकदीकरण की राशि ब्याज सहित भुगतान के आदेश
(राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण, जयपुर का मामला)

jaipur samacharजयपुर, राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण, जयपुर ने अप्रार्थी संस्था प्रबन्ध समिति, के. डी. जैन शिक्षण परिषद, मदनगंज किशनगढ़, अजमेर (राज.) को आदेश दिया कि वे प्रार्थीया उर्मिला शर्मा के वेतन का स्थिरीकरण छठे वेतन आयोग के अनुसार कर अन्तर राशि का नकद भुगतान करे तथा प्रार्थीया को वरिष्ठ एवं चयनित वेतनमान का लाभ, मंहगाई भत्ते की बकाया राशि, अन्तिम वेतन के आधार पर उपदान की राशि एवं बकाया उपार्जित अवकाश के नकदीकरण की राशि का भुगतान बकाया होने की दिनांक से भुगतान किये जाने की दिनांक तक 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से भुगतान करे। उल्लेखनीय है कि प्रार्थीया उर्मिला शर्मा की नियुक्ति दिनांक 17.08.1981 को सहायक अध्यापिका के पद पर सम्पूर्ण विधिक प्रक्रिया अपनायी जाकर अप्रार्थी संस्था में की गई थी। प्रार्थी अप्रार्थी संस्था से दिनांक 31.01.2011 को सेवानिवृŸ हो गई परन्तु अप्रार्थी संस्था द्वारा प्रार्थीया को छठे वेतन आयोग का लाभ, वरिष्ठ एवं चयनित वेतनमान का लाभ, मंहगाई भत्तों की बकाया राशि, उपदान की राशि एवं उपार्जित अवकाश के नकदीकरण की राशि का भुगतान नहीं किया गया। उक्त लाभ देने हेतु प्रार्थीया ने सेवानिवृŸि के पश्चात् काफी बार निवेदन किया गया परन्तु प्रार्थीया के निवेदन पर अप्रार्थी संस्था द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया गया। इससे परेशान होकर प्रार्थीया ने जरिये अधिवक्ता डी. पी. शर्मा के माध्यम से प्रार्थना पत्रा प्रस्तुत कर उक्त लाभ अप्रार्थी संस्था से दिलाने के लिए माननीय अधिकरण से निवेदन किया। प्रार्थीया के अधिवक्ता डी.पी.शर्मा का तर्क था कि प्रार्थीया की नियुक्ति अनुदानित पद के विरूद्ध हुई है तथा अप्रार्थी संस्था राजस्थान सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा मान्यता प्राप्त होते हुए 90 प्रतिशत से अधिक अनुदान प्राप्त करती है इसलिये अप्रार्थी संस्था पर राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिनियम, 1989 और नियम, 1993 के प्रावधान लागू होते है और उक्त नियमों एवं प्रावधानों के अनुसार प्रार्थीया उपरोक्त समस्त लाभ अप्रार्थी संस्था से प्राप्त करने के अधिकारी है। मामले की सुनवाई के पश्चात् अधिकरण ने उक्त सभी लाभ बकाया होने की दिनांक से 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित भुगतान करने के आदेश अप्रार्थी संस्था को दिये।

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