ब्यावरखास में 75 लाख के कार्य जनसहयोग से हुए प्रारम्भ

मकरेड़ा तालाब के डाउनस्ट्रीम क्षेत्रा में 120 हजार क्यूबिक मीटर जल का होगा संग्रहण

मुख्यमंत्राी जलस्वावलम्बन अभियान के तहत ग्रामपंचायत ब्यावरखास में सामाजिक सरोकार के तहत     एल एण्ड टी कम्पनी द्वारा संकन पौण्ड की खुदाई का कार्य मशीनरी द्वारा करते हुए।
मुख्यमंत्राी जलस्वावलम्बन अभियान के तहत ग्रामपंचायत ब्यावरखास में सामाजिक सरोकार के तहत एल एण्ड टी कम्पनी द्वारा संकन पौण्ड की खुदाई का कार्य मशीनरी द्वारा करते हुए।
ब्यावर, 21 मार्च। मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुन्धरा राजे की प्रदेश को जल के क्षेत्रा में स्वावलम्बी बनाने का दूरगामी उद्देश्य को लेकर कार्यरत है जिसके तहत प्रदेश में दौड़ते पानी को चलना सिखायें, चलते पानी को रैंगना सिखायें, रैंगते पानी को रूकना सिखायें और रूके हुए पानी को भूमि में समाहित होना सिखायें, की संकल्पना पर किया जा रहा है। इसी क्रम में जवाजा पंचायत समिति की चयनित 8 ग्राम पंचायतों के 27 ग्रामों में जल संरक्षण व संग्रहण हेतु जनसहयोग से विभिन्न कार्य किये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान के तहत जवाजा पंचायत समिति की ग्राम पंचायत ब्यावरखास में जनसहयोग से 75 लाख रूपये की लागत से 7 डगआउट संकन पौण्ड का निर्माण कार्य किया जा रहा है, जिससे मकरेड़ा तालाब के डाउनस्ट्रीम क्षेत्रा में 120 हजार क्यूबिक मीटर जल का संग्रहण करते हुए इस इलाके को जलस्वावलम्बी बनाया जा रहा है।
सहायक अभियन्ता जलग्रहण शलभ टण्डन ने बताया कि उपखण्ड ब्यावर के मकरेड़ा तालाब के जल का उपयोग ब्यावर में पीने के पानी के लिए किया जाता था लेकिन बीसलपुर से पेयजल आपूर्ति प्रारम्भ होने के बाद में इस तालाब के जल का उपयोग बंद हो गया। इसी क्रम में जवाजा पंचायत समिति की ग्राम पंचायत ब्यावरखास ने 9 दिसम्बर 2015 को ग्रामसभा की बैठक में मकरेड़ा तालाब के जल का समुचित उपयोग करने के लिए डाउनस्ट्रीम क्षेत्रा में मुख्यमंत्राी जलस्वावलम्बन अभियान के तहत जनसहयोग से 7 संकन पौण्ड का निर्माण करने का प्रस्ताव पारित किया, जिससे क्षेत्रा को हराभरा व जलस्वावलम्बी बनाया जा सकेगा।
जनसहयोग से कार्य
सहायक अभियंता जलग्रहण शलभ टण्डन ने बताया कि मकरेड़ा तालाब के डाउनस्ट्रीम क्षेत्रा ब्यावरखास में जनसहयोग से 75 लाख रूपये की लागत से 7 संकन पौण्ड का निर्माण किया जा रहा है। जनसहयोग के इस कार्य में एल एण्ड टी कम्पनी सामाजिक सरोकार के तहत मानवीय श्रम व अत्याधुनिक मशीनों के माध्यम से 75 लाख रूपये की लागत का सहयोग कर रही है। उल्लेखनीय है कि एल एण्ड टी कम्पनी इस क्षेत्रा में डीएफसीसी का कार्य कर रही है, कम्पनी को क्षेत्रा में संकन पौण्ड की खुदाई के लिये जलग्रहण एवं भूसंरक्षण विभाग द्वारा तकनीकी मार्गदर्शन दिया जा रहा है। संकन पौण्ड की खुदाई के लिये खनन विभाग व जलसंसाधन विभाग की स्वीकृति भी प्राप्त कर ली गई है।
मकरेड़ा बांध की ओवरफ्लो जलराशि का होगा समुचित उपयोग
ब्यावरखास ग्राम मकरेड़ा तालाब के डाउनस्ट्रीम क्षेत्रा में मौजूद है, इस प्रकार मकरेड़ा बांध के ओवरफ्लो होने पर जलराशि बहकर पाली जिले के बाबरा बांध में चली जाती है। इस बहकर जाने वाले जल को रोकने के लिए डाउनस्ट्रीम मकरेड़ा नदी-नाला क्षेत्रा में 7 संकन पौण्ड का निर्माण क्रमवार किया जा रहा है इससे इन पौण्ड मंे 120 हजार क्यूबिक मीटर जलराशि का संग्रहण किया जा सकेगा।
क्या होंगे फायदें ?
सहायक अभियंता जलग्रहण शलभ टण्डन ने बताया कि ब्यावरखास में 7 संकन पौण्ड के निर्माण से क्षेत्रा जलस्वावलम्बी बनेगा जिससे फसल चक्र में भी परिर्वतन आएगा। उन्होंने बताया कि संकन पौण्ड में जल के संरक्षण व संग्रहण से भूजल के स्तर में वृद्धि होगी, कुओं, बावडि़यों का जलस्तर बढ़ेगा, पशुओं के पीने के लिये पर्याप्त जलराशि उपलब्ध रहेगी। साथ ही क्षेत्रा के कृषक रबी और खरीफ की फसल के अलावा जायद की फसल भी ले सकेंगे।
क्या है? फोर वाटर काॅन्सेप्ट
मुख्यमंत्राी जलस्वावलम्बन अभियान के तहत आंध्रप्रदेश के पूर्व मुख्यअभियंता टी.हनुमन्ता राव के चार जल संकल्पना (फोर वाटर कोन्सेप्ट) के आधार पर जलग्रहण विकास एवं भूसंरक्षण के कार्य किये जा रहे हैं। इस तकनीक में रिज लाईन से प्रारम्भ होकर नीचे की तरफ कार्य किया जाता है जिसमें चारों प्रकार के जल क्रमशः वर्षा जल, मृदा जल, भूजल एवं सतही जल के अधिकतम उपयोग हेतु कार्य किये जाते हैं। प्रथम स्तर की धाराओं में मिनी परकोलेशन टैंक (एमपीटी) तथा उसके नीचे प्रथम व द्वितीय स्तर की धाराओं में संकन गली पीट्स (एसजीपीटी) व सिल्प ट्रैप (एसटीपी) बनाये जाते हैं। पहाड़ों के अधिक ढलान की समाप्ति पर गहरी खाइयां (डीपसीसीटी) बनायी जाती है ताकि तेज गति से आ रहे पानी की गति को कम किया जा सकें। साथ ही कम ढलान के क्षेत्रों में कम गहराई की खाईयां (छोटी सीसीटी) बनायी जाती है ताकि इनमें भरा पानी जमीन में नमी बनाये रखें।

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